चुनाव आयोग ने 40 सीटों वाली गोवा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। गोवा में एक चरण में चुनाव कराया जाएगा। यहां 14 फरवरी को मतदान होगा। 10 मार्च को सभी राज्यों के चुनाव परिणाम आएंगे।

कोरोना को लेकर इस बार खास कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि इस बार 18.34 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। 29 फीसदी मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। सभी बूथों पर मास्क, सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। कोरोना नियमों का ध्यान रखते हुए ही चुनाव कराए जाएंगे।

Uttar Ptradesh Assembly Election Schedule

दरअसल गोवा विधानसभा का कार्यकाल 15 मार्च को पूरा हो रहा है। इसलिए कार्यकाल समाप्त होने से पहले गोवा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया है। इसके साथ ही चार अन्य राज्य उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर के विधानसभा का कार्यकाल भी हाल ही में ख़त्म हो रहा है। इसलिए इन राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का भी ऐलान किया गया है।

Uttarakhand Assembly Election Schedule

गोवा में किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 21 का जादुई आंकड़ा पार करना होगा। पिछले विधानसभा चुनाव में 17 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी लेकिन 13 सीटें जीतने वाली भाजपा ने सरकार बनाई थी। भाजपा ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी), गोवा फ़ॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और दो निर्दलीय विधायकों के साथ सरकार बनाई थी। मनोहर पार्रिकर को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन 17 मार्च 2019 को पार्रिकर के निधन के बाद प्रमोद सावंत को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया।

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हालांकि इस बार अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप और ममता बनर्जी की टीएमसी भी गोवा विधानसभा का चुनाव लड़ रही है। पिछली बार आम आदमी पार्टी की अधिकतर सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। वहीं पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता लुइजिन्हो फलेरो, पूर्व एमजीपी विधायक लवू मामलेदार, कांग्रेस नेता यतीश नाइक समेत कई अहम चेहरों ने टीएमसी का दामन थामा है।

गोवा विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी ने 10 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है। इसमें भाजपा के पूर्व मंत्री महादेव नाइक, अलीना सालडांगा और वकील से नेता बने अमित पालेकर जैसे नाम शामिल हैं। वहीं कांग्रेस भी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है। कांग्रेस इस बार जीएफपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।

इस बार के गोवा विधानसभा चुनाव में खनन का मुद्दा काफी अहम है। 2012 से ही गोवा में खनन लगभग बंद है और पहले यह राजस्व का एक प्रमुख जरिया हुआ करता था। साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण यहां खनन पर पूरी तरह पाबंदी है। जिसकी वजह से अर्थव्यवस्था और रोजगार पर भी असर पड़ रहा है। इसलिए इस बार के विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा सबसे हावी रह सकता है। इसके अलावा पर्यटन और कई स्थानीय मुद्दे भी अहम हैं। 

बता दें कि 30 मई 1987 को गोवा को राज्य का दर्जा मिला। इन 35 सालों में गोवा में 22 मुख्यमंत्री हुए और तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया।