Election Results 2019: लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम घोषित हो चुके हैं। इन चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने शानदार जीत दर्ज करते हुए करीब 350 सीटें हासिल की हैं। इन चुनावों में बीजेपी की आंधी में कई दिग्गज नेताओं के किले ध्वस्त हो गए। इनमें से ही एक सीट है उत्तर प्रदेश की अमेठी, जहां से खुद देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी चुनाव हार गए। इस हार में दिलचस्प आंकड़ा यह है कि हर 21 साल बाद कांग्रेस का यहां हारने का इतिहास है। बीजेपी की स्मृति ईरानी ने 55120 वोटों से राहुल गांधी को करारी शिकस्त दी। ऐसे में 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी सीट पर यह तीसरा मौका है, जब कांग्रेस को हार का मुंह देखना पड़ा है। जबकि गांधी परिवार से इस सीट पर हार का सामना करने वाले राहुल दूसरे व्यक्ति हैं।
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अमेठी में दूसरी बार गांधी परिवार की हार: बता दें कि 1967 में अस्तित्व में आई अमेठी सीट पर दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब गांधी परिवार के किसी सदस्य को शिकस्त झेलनी पड़ी हो। इस सीट पर अभी तक 16 लोकसभा चुनाव और 2 उपचुनाव हुए हैं, जिनमें कांग्रेस ने अकेले ही 16 बार जीत दर्ज की है। यहां 1977 में जनता पार्टी के रविंद्र प्रताप सिंह ने पूर्ब पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी को चुनाव हरा दिया था। इसके बाद गुरुवार (23 मई) को लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी को बीजेपी की स्मृति ईरानी ने हरा दिया।
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21 का आंकड़ा: राहुल गांधी की अमेठी में हार के पीछे एक दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस यहां हर 21 साल बाद हारती है और यह बात राहुल गांधी की हार में भी कायम रही। यहां कांग्रेस को पहली हार 1977 फिर 21 साल बाद 1998 और अब ठीक 21 साल बाद 2019 में राहुल की हार हुई है। हालांकि जानकार इसे महज संयोग मानते हैं।
गांधी परिवार के करीबी को भी मिली थी हार: बता दें कि अमेठी में सिर्फ गांधी परिवार के सदस्यों को ही नहीं हार मिली बल्कि उनके करीबी को हार का सामान करना पड़ा था। साल 1998 में गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले कैप्टन सतीश शर्मा को भी अमेठी से हार झेलनी पड़ी थी। उन्हें बीजेपी के संजय सिंह ने हराया था।
स्मृति ने दी राहुल को शिकस्त: बता दें कि बीजेपी की स्मृति ईरानी अमेठी में 2014 का लोकसभा चुनाव भी राहुल के खिलाफ लड़ चुकीं हैं। तब वह कड़े मुकाबले में राहुल से हार गईं थी, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और दिलचस्प मुकाबले में 2019 के चुनाव में 55 हजार से भी अधिक मतों से राहुल गांधी को हरा दिया। गौरतलब है कि अमेठी का किला ढहते ही कांग्रेस अब उत्तर प्रदेश में महज एक सीट पर सिमटकर रह गई है। कांग्रेस के पास एकमात्र सीट रायबरेली बची है, जहां से राहुल की मां सोनिया गांधी जीत हासिल करने में सफल रही हैं।