Lok Sabha Electon 2019 में मिली शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार (27 मई) को पहली बार काशी पहुंचे। अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कार्यकर्ताओं को संबोधन के दौरान उन्होंने कई बड़े बयान दिए। शपथ ग्रहण से पहले काशी विश्वनाथ में अभिषेक करने के बाद कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान पीएम ने विपक्ष के राजनीतिक दलों के गठबंधन को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘अंक गणित के आगे केमिस्ट्री जीत गई।’ इसके बाद पीएम ने कहा, ‘कार्यकर्ताओं ने जीत का विश्वास पैदा किया है। उन्होंने 45 डिग्री तापमान में भी घर-घर जाकर प्रचार किया। कार्य और कार्यकर्ता के मिलन से ही चमत्कार होता है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बीजेपी का वोट प्रतिशत लगातार बढ़ा है। हमने वोट बैंक से ऊपर उठकर काम किया। उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा कि राजनीतिक पंडित अब 20वीं सदी के हो गए हैं, उन्हें 21वीं सदी में आने की जरूरत है, वे अभी भी बीजेपी को हिंदी हार्टलैंड की ही पार्टी मान रहे हैं।
केदारनाथ यात्रा का किया जिक्रः पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से मजाकिया अंदाज में, ‘आपने मुझे एक महीने के लिए काशी आने से मना कर दिया था। फिर मैं नहीं आया कि कहीं आपने घुसने नहीं दिया तो क्या होगा? 19 मई की वोटिंग के बाद में फुर्सत में था, आना चाहता था। मुझे बाबा (काशी विश्वनाथ) की याद आ रही थी, फिर में केदारनाथ बाबा के पास चला गया।’
संस्कृति से जुड़कर विकास की दिशा में बढ़ रहे हमः प्रधानमंत्री ने कुंभ मेला-2019 का जिक्र करते हुए पीएम ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की तारीफ की और कहा कि अब तक कुंभ का मतलब नाग साधुओं का जमावड़ा ही समझा जाता था लेकिन योगी सरकार ने इस अवधारणा को बदला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘हम संस्कृति से जुड़ते हुए विकास की दिशा में बढ़ रहे हैं। जरूरी नहीं कि पुरानी चीजों को तोड़-फोड़ कर ही विकास किया जाए। हमारे यहां पूजा में सवा रुपया चढ़ाने का महत्व आज भी है लेकिन साथ-साथ हमने भीम ऐप की शुरुआत भी की। हम दुनिया की 11वीं अर्थव्यवस्था से चले थे आज छठे पर पहुंच गए हैं। पांचवे स्थान की दहलीज पर हैं और टॉप-थ्री में पहुंचना चाहते हैं।’
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‘कर्तव्यों का पालन सभी करें तो अधिकारों का हनन नहीं होगा’: पीएम ने कहा, ‘अधिकारों की चर्चा हमें खूब कर ली। क्या अगले पांच साल कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं? अगर हम कर्तव्यों का पालन कर लें तो किसी के अधिकारों का हनन नहीं होगा। जो भी सरकारी है उसका मालिक भारत का नागरिक है। सरकारी स्कूल, सरकारी अस्पताल आदि को हमें अपना समझकर उसे ताकत कैसे दी जाए, यही सोचना होगा। अपने 20 साल पुराने स्कूटर को चमकाकर रखते हैं लेकिन सरकारी बसों की सीटों को फाड़ते हैं। जब तक उस सीट पर गड्ढा न कर दें हमको चेन नहीं आता। भारत माता की जय बोलते हैं फिर बनारसी पान खाकर थूक देते हैं। उसी मां को गंदा कर रहे हैं जिसका जयकारा लगा रहे हैं।’

