Lok Sabha Election Results 2019 सामने आते ही विपक्ष की कई पार्टियों के अंदर ही तनातनी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी में तो परिवार के ही लोग एक-दूसरे पर बरसना शुरू हो गए हैं। दरअसल बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल के साथ गठबंधन के बावजूद सपा इस बार भी सीटों की संख्या नहीं बढ़ा पाई और पिछली बार की तरह महज 5 सीटों पर ही सिमटकर रह गई। और तो और इस बार परिवार के ही तीन सदस्य भी अपनी ही सीट हार गए। इसके बाद परिवार के सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ ही तलवारें खींचते नजर आ रहे हैं।

बुआ फायदे में, बबुआ निशाने परः बुआ-बबुआ के नाम से मशहूर हुई मायावती और अखिलेश की जोड़ी ने आरएलडी के साथ मिलकर उपचुनाव में उत्तर प्रदेश की फूलपुर, गोरखपुर और कैराना जैसी सीटें जीतने के बाद इसे बीजेपी से निपटने के लिए रामबाण समझ लिया था। नतीजों से पहले तक गठबंधन को अपराजेय माना जा रहा था लेकिन नतीजे आते ही सारे आकलन ध्वस्त हो गए। गठबंधन का फायदा मायावती को जरूर हुआ, उनकी पार्टी के सांसदों की संख्या शून्य से बढ़कर 10 तक पहुंच गई। वहीं सपा और आरएलडी पिछली बार की तरह क्रमशः पांच और शून्य पर ही पहुंच गईं। बीजेपी को थोड़ा नुकसान तो हुआ लेकिन उसकी भरपाई अमेठी जैसी सीट पर मिली जीत से हो गई।

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मुलायम परिवार का हुआ ऐसा हालः पिछली बार पांचों सपा सांसद मुलायम परिवार से ही थे। लेकिन इस बार दो ही रह गए। इस चुनाव में अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव कन्नौज सीट पर हार गईं। वहीं अक्षय यादव को फिरोजाबाद सीट गंवानी पड़ी, इस सीट पर उनके चाचा प्रसपा प्रत्याशी शिवपाल यादव भी हार गए। बदायूं से धर्मेंद्र यादव भी चुनाव हार गए। आजमगढ़ से अखिलेश यादव को जरूर अच्छे अंतर से जीत मिली लेकिन मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव की जीत का अंतर पिछली बार के मुकाबले घटकर महज एक चौथाई रह गया। इसके बाद अखिलेश के फैसलों की आलोचना शुरू हो गई।

गठबंधन से फायदा या नुकसानः रिपोर्ट्स के मुताबिक गठबंधन में जब 38 सीटें मायावती को मिली थीं तभी मुलायम सिंह यादव ने कह दिया था कि आधी सीटें तो पहले ही हार गए। लेकिन अब माना जा रहा है कि यदि गठबंधन नहीं हुआ तो अखिलेश और मुलायम अपनी-अपनी सीटें भी हार जाते। डिंपल और अक्षय की सीट हारकर सपा को शिवपाल यादव की कमी जरूर खली होगी। माना जाता है कि कन्नौज सीट के स्थानीय सपा नेता और कार्यकर्ता शिवपाल यादव के ज्यादा करीबी हैं और कन्नौज का मैनेजमेंट अब तक शिवपाल ही देखते रहे हैं। इसके अलावा फिरोजाबाद सीट पर शिवपाल और अक्षय के बीच भी मुकाबला हो गया। यहां चाचा-भतीजा में वोट बंटे और फायदा बीजेपी उठा गई।