चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए रैलियों और रोड शो पर लगे प्रतिबंध को 11 फ़रवरी तक के लिए बढ़ा दिया है। हालांकि चुनाव प्रचार के लिए राजनीतिक दलों को थोड़ी ढील दी गई है। चुनाव आयोग के नए नियम के अनुसार अब 500 की बजाय 1000 लोगों की सभा की जा सकेगी। वहीं इनडोर मीटिंग के लिए भी लोगों की संख्या 500 तक बढ़ा दी गई है। इसके अलावा अब उम्मीदवार 20 लोगों के साथ डोर टू डोर प्रचार कर सकेंगे। 

चुनाव आयोग की तरफ से जारी गाइडलाइन के अनुसार सभी राजनीतिक दल और चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा डोर टू डोर कैंपेन के दौरान पहले से जारी निर्देश लागू रहेंगे। हालांकि डोर टू डोर में सुरक्षाकर्मी और मीडियाकर्मी के अलावा 20 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है। 

बता दें कि बीते 22 जनवरी को चुनाव आयोग ने पांचों राज्यों में रैली और रोड शो पर जारी प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया थ।, लेकिन जिन विधानसभा क्षेत्रों में पहले दो चरणों में मतदान होने हैं, वहां अधिकतम 500 लोगों की उपस्थिति में जनसभा करने की अनुमति दी थी। साथ ही घर-घर जाकर प्रचार के नियमों में भी छूट दी थी।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा के दौरान ही चुनाव रैली, जुलूस और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया था।

बता दें कि उत्तरप्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उत्तरप्रदेश में 10 फ़रवरी को पहले चरण का मतदान होगा। इसके बाद 14 फ़रवरी, 20 फ़रवरी, 23 फ़रवरी, 27 फ़रवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान होगा। वहीं पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में एक चरण में 20 फ़रवरी को चुनाव होंगे। जबकि मणिपुर में दो चरणों में 27 फ़रवरी और 3 मार्च को विधानसभा चुनाव होंगे।