चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए रविवार को नए दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि पहले की तरह ही रैलियों और रोड शो प्रतिबंध जारी रहेगा। हालांकि आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को प्रचार के लिए कुछ नियमों में ढील दी है और खुले मैदान में 30% क्षमता के साथ रैली करने की अनुमति दी है।
चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन के अनुसार रोडशो, पद यात्राओं, साइकिल एवं वाहन रैलियों पर लगाए गए प्रतिबंध पहले की तरह ही जारी रहेंगे। हालांकि खुले में और बंद भवनों में होने वाली सभाओं में ढील दी गई है। नए नियम के अनुसार बंद सभागारों की 50 प्रतिशत क्षमता और खुले मैदान की 30 प्रतिशत क्षमता के बराबर लोग ही सभा में शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा डोर टू डोर प्रचार करने के लिए अधिकतम 20 लोगों की सीमा पहले की तरह ही लागू रहेगी।
इससे पहले 31 जनवरी को चुनाव आयोग ने रैलियों और रोड शो पर लगे प्रतिबंध को 11 फरवरी तक के लिए बढ़ा दिया था। उस दौरान चुनाव आयोग ने 500 की बजाय 1000 लोगों की सभा और इनडोर मीटिंग के लिए भी लोगों की संख्या 500 तक बढ़ा दी थी। बता दें कि कोरोना महामारी का हवाला देते हुए चुनाव आयोग ने आठ जनवरी को उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए रैली और रोड शो पर प्रतिबंध लगा दिया था।
चुनाव आयोग के नए नियमों के अनुसार खुले मैदानों का आवंटन जिला प्रशासन ई-सुविधा पोर्टल के माध्यम से पहले आओ पहले पाओ के आधार पर समान रूप से करेगा। इन मैदानों की क्षमता जिला प्रशासन की ओर से पहले से ही तय की जाएगी और सभी पक्षों को इसकी सूचना दी जाएगी। साथ ही सभी प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग और हैंड सेनिटाइजर रखना अनिवार्य होगा।
चुनाव आयोग ने बीते दिनों उत्तरप्रदेश में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर हुई गोलाबारी के बाद स्टार प्रचारकों की सुरक्षा को लेकर संज्ञान लिया है। चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को प्रचारकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है और इसके लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त करने के लिए कहा है।
