मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बड़ा बयान दिया है। वनवास खत्म करने को कोशिशों में लगी कांग्रेस के प्रचार से करीब नदारद दिखने के उठे सवालों पर दिग्विजय सिंह ने चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि, मुझे राज्य में ज्यादा हस्तक्षेप न करने को कहा गया था। इसलिए मैं प्रचार और अन्य अभियान से बाहर रहा।

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मुझसे मध्य प्रदेश में दखलंदाजी न करने के लिए कहा गया था। इसलिए मैंने खुद को अभियानों से दूर रखा। हां, जो मैं कर सकता था या जो करने को कहा गया, वो किया’। इसके साथ ही उन्होंने 15 साल से राज्य में शिवराज की सरकार और कांग्रेस को वनवास कैसे के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘इसके पीछे 60 लाख फर्जी वोटर हैं। साथ ही उन्होंने कहा, 5 साल में बतौर मुख्य विपक्षी कांग्रेस कोई तगड़ी चुनौती दे ही नहीं पाई। यह बयान दिग्विजय सिंह ने एनडीटीवी से बात करते हुए दिया’।

हालांकि, दिग्विजय ने कांग्रेस का बचाव करते हुए कहा, इस बार मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि मैंने इस बार से पहले कभी भी कांग्रेस में इतनी एकता नहीं देखी। सभी एक साथ बीजेपी को सामना करने के लिए खड़े हैं। वहीं, बीते महीने कांग्रेस के सीनियर नेता को एक वीडियो में यह कहते सुना गया था कि, अगर उनका भाषण पार्टी के लिए नुकसानदायक है तो वह पार्टी की भलाई के लिए कैंपेनिंग से दूर ही रहेंगे। उन्होंने कहा था कि, ‘मेरा एक काम है… नो कैंपेनिंग, नो स्पीचेस। मेरे भाषण से अगर पार्टी के वोट कटते हैं तो वह ऐसा नहीं करेंगे’।

वहीं, बीते दिन ही दिग्विजय सिंह ने चुनाव के मद्देनजर बीजेपी पर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट किया था कि, ‘कई ऐसे मतदान केन्द्रों पर जो कांग्रेस के पक्ष के हैं वहां से ईवीएम खराब होने के समाचार आ रहे हैं। कांग्रेस के पोलिंग एजेन्ट्स को दो बातों का ध्यान रखना चाहिए। 1. जो मशीन खराब होती है और जो उसके स्थान पर बदली जाती है उनके नंबर जरूर नोट कर लें। 2. जो नई मशीन आती है उसे वोटिंग चालू करने के पूर्व 501-100 वोट डाल कर चेक जरूर करें।’