राजौरी गार्डन विधानसभा उपचुनाव के लिए रविवार को मत डाले गए। 46.60 फीसद मतदान दर्ज किया गया। कई जगहों पर ‘वीवीपैट’ मशीनों में आई खराबी के कारण मतदान बाधित हुआ। दिन चढ़ने के साथ ही बढ़ी गर्मी के चलते मतदान का आंकड़ा कम रहा। वर्ष 2013 और 2015 की तुलना में कम वोट पड़े। यहां के चुनाव को आम आदमी पार्टी के लिए लोकप्रियता का इम्तिहान माना जा रहा है जबकि, भाजपा और कांग्रेस ने खूब मेहनत की है। कुल एक लाख 68 हजार मतदाताओं ने चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया।  दिल्ली में वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 72 फीसद मतदान हुआ था और आम आदमी पार्टी को जबरदस्त बहुमत मिला था। यहां से आम आदमी पार्टी के विधायक जनरैल सिंह ने पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। इस कारण उपचुनाव कराना पड़ा। इस विधानसभा क्षेत्र में मतदान के लिए कुल 166 मतदान केंद्र बनाए गए थे। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्र भूषण कुमार के अनुसार, एक केंद्र पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में खराबी आ गई थी। ईवीएम से जुड़े करीब 38 ‘वीवीपैट’ मशीनों में खराबी आई। चुनाव आयोग ने मतदान के शांतिपूर्ण रहने का दावा किया है। सुबह मतदान की शुरुआत अच्छी रही, लेकिन दिन चढ़ने के साथ मतदान का उत्साह ठंडा पड़ता गया। दोपहर को तेज गर्मी के चलते लोग घरों से कम निकले।

शाम पांच बजे के बाद कुछ लोग वोट डालने मतदान केंद्रों तक पहुंचे। इस चुनाव में ईवीएम में मतदान की पुष्टि करने वाले वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल सभी 166 मतदान केंद्रों पर किया गया। यहां से आम आदमी पार्टी ने नए चेहरे हरजीत सिंह को खड़ा किया है। कांग्रेस ने मीनाक्षी चंदेला को उतारा है, जो इलाके के एक राजनीतिक परिवार से आती हैं। भाजपा-शिअद ने पूर्व सैनिक मनजिंदर सिंह सिरसा को उतारा है, जो 2013 में यहां से जीते थे। वीवीपैट ने चुनाव अधिकारियों को किया काफी परेशान राजौरी गार्डन विधानसभा सीट पर वीवीपैट मशीनों ने चुनाव अधिकारियों को खूब दौड़ाया। राजौरी क्षेत्र से बार- बार मशीन खराब आने की जानकारी मिल रही थी। मुख्य चुनाव अधिकारी चंद्रभूषण 38 स्थानों पर मशीनों में बदलाव करना पड़ा। रिजर्व में 25 फीसद मशीनें रखी गई थीं। जैसे ही किसी भी इलके से मशीन खराब होने की जानकारी आई, उसे बदला गया।