मनोज कुमार मिश्र

भ्रष्टाचार के आरोप में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत अनेक नेताओं की गिरफ्तारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी भ्रष्टाचार को ही अपना और अपनी भारतीय जनता पार्टी का मुख्य मुद्दा बनाते दिख रहे हैं। जवाब में विपक्षी दलों के नेता केंद्र सरकार पर जांच एजंसियों के दुरुपयोग से लेकर कार्रवाई में पक्षपात का आरोप लगा रहे हैं।

भले ही कार्रवाई प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) या सीबीआइ कर रही हो लेकिन विपक्ष इसे भाजपा की कार्रवाई कह कर प्रचारित कर रहा है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के खिलाफ कानूनी लड़ाई के साथ लंबा आंदोलन नहीं चला लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ लोग सड़कों पर आए। विपक्षी दलों ने 31 मार्च को रामलीला मैदान में रैली की।

आम आदमी पार्टी (आप) अभी भी आंदोलन कर रही है। आप का पंजाब में भी शासन है और दिल्ली के आस-पास के कई राज्यों में उसका राजनीतिक असर है। तीन अप्रैल को शराब घोटाले के मामले में आप के राज्य सभा सदस्य संजय सिंह को जमानत मिलने से आप को राहत मिली है।

मगर इसी मामले में गिरफ्तार आप के दूसरे सबसे बड़े नेता मनीष सिसोदिया को साल भर से जेल में रहने के बावजूद जमानत नहीं मिली है। इतना ही नहीं अरविंद केजरीवाल ने जेल से ही सरकार चलाने की जिद करके नया विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा और दिल्ली के उपराज्यपाल ने इसे मुद्दा बना लिया है।

वास्तव में यह जेल नियमावली के खिलाफ है। इतना ही नहीं खुद केजरीवाल ने अपने जेल जाने वाले मंत्रियों से फटाफट इस्तीफा लिया था। मनीष सिसोदिया से पहले से धनशोधन के मामले में केजरीवाल की सरकार के प्रभावशाली मंत्री रहे सत्येंद्र जैन जेल में हैं और उनसे तभी इस्तीफा ले लिया गया था।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जेल जाने के समय इस्तीफा दिया। केजरीवाल के जेल जाने पर उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल जिस तरह से सक्रिय हुई हैं, उससे लगता है कि वे दिल्ली की अगली मुख्यमंत्री बनेंगी। लेकिन केजरीवाल और पार्टी के सभी नेता अभी तक तो केजरीवाल को ही मुख्यमंत्री पद पर बने रखने की बात करते हैं।

जो हालात दिख रहे हैं उसमें तो यही लग कहा है कि लोक सभा चुनाव तक यही मुद्दा जारी रहेगा। अब तो अब भी कहा जाने लगा है कि भाजपा और आप इसे अगले साल दिल्ली के विधान सभा चुनाव तक जारी रखने वाले हैं। पंजाब में भी कांग्रेस के मुख्य मुकाबले में आने के आसार कम हैं। पंजाब कांग्रेस के अनेक बड़े नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं।

लोकसभा चुनाव करीब आते ही दिल्ली के दोनों प्रमुख दल आप और भाजपा, एक दूसरे को घेरने में पूरी ताकत लगाए हुए हैं। कहा जाता है कि हाशिये पर पहुंची कांग्रेस की यह हालत आप ने ही की। इस लोकसभा चुनाव में उसी आप से कांग्रेस का गठबंधन है। आप चार और कांग्रेस तीन सीट पर चुनाव लड़ रही है। वर्षों दिल्ली की सत्ता में रही कांग्रेस तो आप के साथ मिलकर अपने वजूद को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। आप अपने स्थापना के 12 साल के सबसे संकट के दौर में है।

केजरीवाल के जेल जाने के बाद पार्टी के वजूद पर ही संकट दिखने लगा है। जैसा ईडी अदालत में दावा कर रही है कि शराब घोटाले के केंद्र अरविंद केजरीवाल रहे हैं, ऐसा अगर वह अदालत में साबित कर पाई तो केजरीवाल को लंबे समय जेल में रहना होगा।

उनकी गिरफ्तारी से लोकसभा चुनाव में आप को क्या फायदा होगा यह तो चार जून को मतगणना के दिन पता चलेगा लेकिन आप के अन्य नेताओं के सामने आप को केजरीवाल की गैरहाजिरी में मजबूत बनाए रखने की चुनौती है। वहीं भ्रष्टाचार ही इस चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है।