चुनाव के दौरान अकसर ईवीएम का मुद्दा सामने आ ही जाता है। बिहार के गरखा में द्वितीय चरण के मतदान के वक्त ईवीएम को लेकर जमकर बवाल हुआ और दावा किया गया कि वोट डालने पर यह केवल बीजेपी को जा रहा है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह ने भी कहा कि ईवीएम मोदी चिप होती है और इसे हैक किया जा सकता है। इसीलिए अमेरिका इस मशीन का इस्तेमाल नहीं करता है। अब राजनीतिक जानकार तहसीन पूनावाला ने भी ईवीएम को लेकर बीजेपी पर ही आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ईवीएम पारदर्शी नहीं है और इसकी वहीं पर चोरी होती है जहां बीजेपी की सरकार है।
दरअसल बिहार में एक रैली के दौरान राहुल गांदी ने इवीएम को MVM (मोदी वोटिंग मशीन) बता दिया था। इसके बाद यह मुद्दा फिर से गरम हो गया। एक टीवी डिबेट के दौरान पूनावाला ने कहा, ‘कांग्रेस जब भी चुनाव जीती तब भी राहुल गांधी ने कहा है कि ईवीएम में पारदर्शिता आनी चाहिए। लोकतंत्र का मतलब ही पारदर्शिता है। इसे एमवीएम इसलिए कहा जाता है क्योंकि जहां भी ईवीएम खराब होती है तो वोट बीजेपी को ही जाने लगता है। कोर्ट में मैंने आरटीआई का हवाला देकर कहा था कि जिन राज्यों में ईवीएम चोरी हुई वहां पर बीजेपी की सरकार थी।’
पूनावाला ने कहा, ‘वीवीपैट पर कोई बारकोड नहीं होता है और इसका ईवीएम के सही होने से कोई संबंध नहीं है। बार-बार कहा जाता है कि अमेरिका ने भारत का साथ चीन के खिलाफ दिया लेकिन दो ही लोग चीन का नाम लेने से डरते हैं। एक हैं नरेंद्र मोदी और दूसरे हैं अमित शाह।’
राहुल गांधी के EVM को MVM (मोदी वोटिंग मशीन) बोलने पर, @tehseenp बोलें
EVM में पारदर्शिता लाना बेहद ज़रूरी…. @manakgupta #RashtraKiBaat#RahulGandhi #BiharElections2020 pic.twitter.com/Cvn43VKKT7— News24 (@news24tvchannel) November 4, 2020
तहसीन पूनावाला की बात पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘आप ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाइए क्योंकि एक बार की फटकार आपके लिए काफी नहीं है। जिन्होंने पंजाब की जीत का उदाहरण दिया है। इनके दिग्गज नेता ईवीएम पर निशाना साध रहे ते और इन्हीं के कैप्टन अमरिंदर और वीरप्पा मोइली कहते हैं कि ईवीएम पर निशाना साधना गलता है। ईवीएम न होती तो हम न जीतते। आपके कांग्रेस के नेता क्यो नहीं गए हैकॉथन में। क्यों नही दिखा दिया कि ईवीएम हैक हो सकती है। आप वीवीपैट और ईवीएम की बात करके हार का बहाना न ढूंढिए।’