Election Results 2019: कांग्रेस ने अपनी सर्वोच्च नीति निर्धारण इकाई (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के भीतर की कुछ कथित जानकारियां सामने आने के बाद सोमवार को मीडिया एवं दूसरे लोगों का आह्वान किया कि वे अफवाहों से दूर रहें और सीडब्ल्यूसी की शुचिता बनाए रखें।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘कांग्रेस कार्य समिति एक लोकतांत्रिक मंच है जहां विचारों का आदान-प्रदान होता है, नीतियां बनाई जाती हैं और सुधारात्मक कदम उठाए जाते हैं। इसी क्रम में सीडब्ल्यूसी ने 25 मई को अपने विचार व्यक्त किए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी मीडिया और अन्य लोगों से उम्मीद करती है कि वे सीडब्ल्यूसी की बंद कमरे में हुई बैठक की शुचिता बनाए रखेंगे। मीडिया में आई अफवाहें और गपशप अनावश्यक हैं।’’ दरअसल, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद बुलाई गई सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने बहुत नाराजगी जाहिर की थी और इस संदर्भ में कई खबरें भी आई थीं।
सूत्रों और मीडिया में आई खबरों मुताबिक, बैठक में राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सहित कुछ बड़े क्षेत्रीय नेताओं का उल्लेख करते हुए कि इन नेताओं ने बेटों-रिश्तेदारों को टिकट दिलाने के लिए जिद की और उन्हीं को चुनाव जिताने में लगे रहे और दूसरे स्थानों पर ध्यान नहीं दिया। सीडब्ल्यूसी की बैठक में मौजूद रहे दो नेताओं ने इसकी पुष्टि भी की। इसी बैठक में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की, हालांकि सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इसे सर्वसम्मति से खारिज किया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया।
वहीं, दूसरी ओर लोकसभा चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस के सफाए को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में नाराजगी जताए जाने की पृष्ठभूमि में राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक वेणुगोपाल के आवास पर हुई इस मुलाकात के मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल भी मौजूद थे।
गहलोत 25 मई को सीडब्ल्यूसी की बैठक में भाग लेने के बाद जयपुर वापस लौट गए थे, लेकिन रविवार रात फिर दिल्ली लौट आए। वैसे, गहलोत से जुड़े सूत्रों का कहना है कि उनके दिल्ली आने का मुख्य मकसद प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहलाल नेहरू की पुण्यतिथि के मौके पर नेहरू की समाधि पर जाना था और दिल्ली में कांग्रेस के नेताओं से उनकी मुलाकात शिष्टाचार भर है। दूसरी तरफ, गहलोत की वेणुगोपाल से मुलाकात इस मायने में अहम है कि राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में पार्टी के सफाए को लेकर विशेष रूप से नाराजगी जताई थी।