कर्नाटक का अगला सीएम कौन होगा इसपर कांग्रेस पार्टी में मंथन जारी है। कांग्रेस आलाकमान राज्य के पूर्व सीएम सिद्धारमैया को दिल्ली बुलाया है। सूत्रों का कहना है कि डीके शिवकुमार को भी दिल्ली बुलाया जा सकता है। इस बीच केरल में सत्ताधारी CPI(M) ने सोमवार को परोक्ष रूप से कांग्रेस पर निशाना साधा। माकपा ने कांग्रेस से कर्नाटक में अपने नवनियुक्त विधायकों को बीजेपी से बचाकर रखने को कहा।

कांग्रेस को कमजोर और बीजेपी से मुकाबला करने में असक्षम बताते हए CPI(M) ने लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को हराने के लिए राज्य स्तर पर गठबंधन की वकालत की। माकपा के स्टेट सेक्रेटरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन का कोई फायदा नहीं होगा। हमें स्टेट लेवल पर एंटी बीजेपी ग्रुप बनाने की जरूरत है, जिससेहर राज्य में बीजेपी को हराया जा सके। यही एकमात्र तरीका है।

इससे एक दिन पहले चीफ मिनिस्टर पिनाराई विजयन ने भी ऐसी ही रणनीति की वकालत की थी। CPI(M) के स्टेट सेक्रेटरी एमवी गोविंदन ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी का सामना कर सकने वाली एकमात्र पार्टी है यह सिर्फ ‘एक तथ्य है’।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बारे में जो भी जानकारी रखता है, वह जानता है कि कर्नाटक ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस प्रभावी रूप से चुनाव लड़ सकती थी। इसके अलावा वे जहां प्रभावी रूप से चुनाव लड़ सकते हैं, वे गुजरात, राजस्थान और कुछ अन्य राज्य हैं लेकिन वहां भी कांग्रेस कमजोर है। अभी भी वहां पार्टी में इंटरनल विवाद हैं।

उन्होंने कांग्रेस को सुझाव देते हुए कहा कि कांग्रेस को कर्नाटक में एक मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के चयन पर फोकस करना चाहिए और इस दौरान बीजेपी के कांग्रेस विधायकों को आकर्षित करने के किसी भी प्रयास पर सावधानी से नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि बीजेपी के पास विधायक खरीदने के साधन हैं। यही भारत जोड़ो यात्रा के बीच गोवा में हुआ था।

बता दें कि पिछले साल गोवा में सितंबर महीने में कांग्रेस पार्टी के 11 में से 8 विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। यह वहां चुनाव होने के कुछ ही महीनों के भीतर हुआ था। गोविंदन ने कहा कि बीजेपी सबसे बड़ा खतरा है और लोग इसे हराना चाहते हैं। इसलिए सभी एंटी बीजेपी ग्रुप्स को इसे हराने के लिए एक हो जाना चाहिए।

गोविंदन का बयान उनकी पार्टी के सहयोगी और मत्स्य मंत्री साजी चेरियन (Fisheries Minister Saji Cheriyan’s) के विचार के पूरी तरह अलग है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस भारत की सबसे मजबूत पार्टियों में से एक थी और उन्हें बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में आगे आने के लिए कहने में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वो कांग्रेस के विचार से सहमत नहीं हैं लेकिन उन्हें लीड करने दें। देश में धर्मनिरपेक्षता को बचाए रखने के लिए उन्हें आगे आकर लीड करने की जरूरत है। इसमें कोई मतभेद नहीं है।