प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2019 का आम चुनाव बनारस से ही लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश के इसी संसदीय क्षेत्र से उन्होंने 2014 में पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था। वाराणसी से उनके इस बार लड़ने की पुष्टि इंडियन एक्सप्रेस से पार्टी सूत्रों ने की। हालांकि, पीएम की दूसरी सीट पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। सूत्रों ने इस बाबत बताया कि यह बीजेपी के चुनावी अभियान की प्रगति पर निर्भर करेगा कि पीएम का दूसरा संसदीय क्षेत्र कौन सा होगा। बीते लोकसभा चुनाव में मोदी की दूसरी सीट गुजरात स्थित वडोदरा थी।
चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी को महासचिव बनाया है। पार्टी के स्थानीय नेताओं को इसी बीच मांग उठाई है कि काशी सीट पर पीएम के खिलाफ प्रियंका को उतारा जाए। इससे पहले, पाटीदार आंदोलन के नेता और युवा नेता हार्दिक पटेल के भी इस सीट से चुनाव लड़ने की खबरें आई थीं। यानी कि इस चुनाव में बनारस सीट पर काफी तगड़ा मुकाबला हो सकता है।
2014 में मोदी ने वाराणसी से आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को 3.37 लाख वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हराया था। उन्हें तब 5,16,593 वोट मिले थे, जबकि केजरीवाल के खाते में 1,79,739 वोट आए थे। वैसे आप साफ कर चुकी है कि केजरीवाल इस बार वाराणसी से नहीं लड़ेंगे। वह दिल्ली पर ही विशेष ध्यान देंगे।
इसी बीच, गुरुवार को पूरे काशी में कुछ पोस्टर लगे नजर आए। उन पर लिखा था कि पीएम के खिलाफ कांग्रेस की तरफ से प्रियंका को लोकसभा चुनाव लड़ाया जाए। नारा लिखा था, “काशी की जनता करे पुकार, प्रियंका गांधी हो सांसद हमार।” लहुरबीर इलाके में कुछ युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इसी नारे के साथ पैदल मार्च भी निकाला।
2014 में कांग्रेस की तरफ से बनारस से अजय राय मैदान में थे। उन्होंने बताया, “पार्टी कार्यकर्ता उन्हें यहां से जिताने के लिए तैयार हैं…अगर वह यहां से लड़ेंगी तो आसपास के राज्यों में भी उसका असर पड़ेगा।” बता दें कि वाराणसी, पूर्वी यूपी के अंतर्गत आता है। सूबे में इस पूरे क्षेत्र को राजनीति का अहम गढ़ माना जाता है। कारण- यहां गृह मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संसदीय क्षेत्र भी पड़ते हैं, जो कि क्रमशः लखनऊ और गोरखपुर हैं।