कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी लोकसभा सीट आखिर क्यों हाथ से निकल गई। आखिर राहुल गांधी वहां क्यों हारे। पार्टी इसके लिए हर तरफ से समीक्षा कर रही है। ये निकाला जा रहा है कि आखिर वो कौन सी वजहें हैं जिनके कारण उनके पारंपरिक वोटर राहुल का साथ छोड़ गए। केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण मंत्री स्मृति ईरानी से राहुल की हार की समीक्षा को लेकर पार्टी कई गोपनीय बैठक और जांच कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य राजीव सिंह ने शनिवार को बताया कि चुनाव परिणाम की समीक्षा गांव स्तर तक की जा रही है। इसके लिए ब्लाक और न्याय पंचायत इकाइयों के अध्यक्षों के साथ जांच टीम बैठकें कर रही है। उन्होंने बताया कि सारी जांच गोपनीय तरीके से हो रही है और नामित लोगों के अलावा उन बैठकों में किसी और के दाखिल होने पर पाबंदी है।
सिंह के मुताबिक कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का राजनैतिक कार्य देख रहे जुबैर खान और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा इस पूरी जांच और समीक्षा प्रक्रिया के लिये अमेठी में डटे हुए हैं। किशोरी लाल अमेठी में राजीव गांधी और राहुल गांधी के सांसद प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी में गत 23 मई को भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी से 55120 मतों के अंतर से चुनाव हार गये थे। पीढ़ियों पुराने गढ़ में पार्टी अध्यक्ष के ही हार जाने के बाद से स्थानीय कांग्रेस इकाई में उथल-पुथल शुरू हो गयी थी। पार्टी जिला अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा ने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, पार्टी के नेता धर्मेन्द्र शुक्ला ने राहुल को पत्र लिख कर उनके प्रतिनिधि चंद्र कांत दुबे को हार के लिए जिम्मेदार बताते हुए जांच की मांग की थी।