कांग्रेस पार्टी की तरफ से लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी गई है। अब बीजेपी की तरह कई सीटों पर तो प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं, लेकिन पार्टी ने 39 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। यहां भी दक्षिण भारत की सीटों पर विशेष ध्यान दिया गया है क्योंकि पहली सूची में सबसे ज्यादा प्रत्याशी यहीं से उतारे गए हैं।

अब कांग्रेस ने जो अपनी पहली सूची जारी की है, उससे भी कई सियासी संदेश निकले हैं। सबसे बड़ा संदेश तो ये सामने आया कि वरिष्ठ नेताओं को भी कांग्रेस चुनावी मैदान में उतारने जा रही है। वो किसी को भी रिटायर करने के मूड में नहीं दिख रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण केसी वेणुगोपाल हैं जिन्हें पार्टी ने केरल की अलाप्पुझा सीट से उतार दिया है। इससे पहले तक वे एक राज्यसभा सांसद थे, लेकिन अब जनता के बीच में उन्हें वोट मांगने पड़ेंगे।

माना तो ये भी जा रहा है कि कांग्रेस ने एक वरिष्ठ नेता को उतार सभी दूसरे बड़े नेताओं को साफ संदेश दे दिया है कि चुानवी मैदान में उतारना ही पड़ेगा। लिस्ट में अशोक गहलोत, सचिन पायलट, भूपेंद्र हुड्डा, दिग्विजिय सिंह और कमलनाथ जैसे नेताओं का नाम भी चर्चा में आ रहा है। ये अलग बात है कि कमलनाथ जैसे कई नेता चुनावी राजनीति से अब दूरी बनाने के संकेत दे रहे हैं, लेकिन कांग्रेस का सारा फोकस सीट निकालने पर है, ऐसे में बड़े चेहरों को ही आगे करने पर जोर दिया जा रहा है।

एक दूसरा बड़ा संदेश कांग्रेस की सूची से ये भी निकलता है कि राहुल गांधी के लिए पार्टी एक सुरक्षित सीट की ही तलाश में थी। वे कहने को कांग्रेस के वर्तमान में सबसे बड़े नेता हैं, पीएम उम्मीदवार भी माने जाते हैं, लेकिन बात जब चुनावी रण की आ रही है तो उन्हें फिर केरल की वायनाड की सीट से लड़वाकर साफ संकेत दे दिए गए हैं। वायनाड का समीकरण राहुल के मुफीद बैठ रहा है। 56 फीसदी से ज्यादा मुसलमान और हिंदू आबादी का भी अच्छी संख्या में होना फायदा पहुंचा सकता है।

अभी ये साफ नहीं है कि राहुल अमेठी से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, लेकिन पिछली बार मिली हार ने कांग्रेस के सामने चिंता करने के कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बीजेपी ने तो फिर स्मृति ईरानी को ही मौका देकर खुली चुनौती देने का काम कर दिया है। अब कांग्रेस इस चुनौती को स्वीकार करती है या इससे दूर भागती है, ये आने वाले दिनों में साफ होगा।

वैसे कांग्रेस की पहली लिस्ट में 15 उम्मीदवार सामान्य श्रेणी से आ रहे हैं, जबकि 24 एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज से है। अब जिस तरह से राहुल गांधी ओबीसी समुदाय को ज्यादा प्रतिनिधित्व देने की बात कर रहे हैं, पार्टी ने उसकी रूपरेखा दिखाने का एक प्रयास जरूर कर दिया है। इसी तरह युवाओं और वरिष्ठ नेताओं के बीच भी तालमेल बैठाने की कोशिश दिखी है। इसे ऐसे समझ सकते हैं कि 39 प्रत्याशियों में से 50 साल से कम उम्र के 12 नेता हैं, 50 से 60 साल के बीच वाले आठ प्रत्याशी आ रहे हैं, 61-70 साल के बीच 12 उम्मीदवार बैठ रहे हैं। वहीं 71 से 76 साल के बीच वाले भी सात प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।

अब कांग्रेस की लिस्ट पर अगर ध्यान से गौर किया जाए तो कुछ नेताओं के टिकट कटे भी हैं। वडकरा सीट से कांग्रेस ने कन्नोथ मुरलीधरन का टिकट काट दिया है। उनकी जगह सफी परंबिल को मौका दिया गया है। कन्नोथ मुरलीधरन अब केरल की ही त्रिशूर सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं केसी वेणुगोपाल को अलप्पुझा से टिकट देने के लिए इस बार शनिमोल उस्मान का टिकट काट दिया गया है। इसी तरह नलगोंडा सीट से एन उत्तम कुमार रेड्डी का पत्ता साफ हुआ है, उनकी जगह इस बार रघुवीर कुंडुरु चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

ये रही कांग्रेस प्रत्याशियों की लिस्ट

छत्तीसगढ़ – जांगीर-चम्पा – डॉ. शिवकुमार, कोरबा- ज्योत्सना महंत, राजनंदगांव- भूपेश बघेल, दुर्ग- राजेंद्र साहू, रायपुर- विकास उपाध्याय, महासमुंद- ताम्रध्वज साहू

कर्नाटक- बीजापुर-एचआर अलगुर, हावेरी-एजी मथ, शिमोगा- गीथा शिवाराजकुमार, हासन- श्रेयस पटेल, तुमकूर- एपी मुद्दानूमगोडा, मांड्या- स्टार चंद्रू, बेंगलुरु रूरल- डीके सुरेश

त्रिपुरा- त्रिपुरा वेस्ट – आशीष कुमार साहा

तेलंगाना- महबूबाबाद- बलराम नाइक, महबूबनागर- चल्ला वामशी चांद रेड्डी, नालगोंडा- रघुवीर कुंदुरु, जाहिराबाद- सुरेश कुमार श्रेतकार

सिक्किम- गोपाल छेत्री

नागालैंड- सुपोंगमेरेन जमीर

मेघालय– तुरा- सेलंग ए संगमा, शिलॉंग विसेंट एच. पाला