तेलंगाना की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने गुरुवार को 95 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है और बाकी की 24 सीटें तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) और महागठबंधन के अन्य घटक दलों के लिए छोड़ी है। सीट बंटवारे के समझौते के तहत, कांग्रेस ने टीडीपी को 14 सीट और बाकी दस सीट तेलंगाना जन समिति (टीजीएस) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) को देने का फैसला किया है। यह विधान सभा की कुल सदस्यों का करीब 20 फीसदी है। यहां 119 सदस्यीय विधानसभा सीट के लिए 7 दिसंबर को चुनाव होने हैं।

कांग्रेस तेलंगाना इकाई के प्रमुख उत्तम कुमार रेड्डी ने गुरुवार (01 नवंबर) को दिल्ली में इस निर्णय की घोषणा की। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति ने राज्य पार्टी इकाई द्वारा भेजे गए उम्मीदवारों की सूची पर भी चर्चा की। रेड्डी ने कहा कि उम्मीदवारों के नामों की घोषणा 8 या 9 नवंबर को की जाएगी। बता दें कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने निर्धारित समय से पहले ही राज्य विधान सभा भंग कर दिया था।

इधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और टीडीपी अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने लंबे वक्त तक बैठक की और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। बैठक के बाद दोनों नेताओं ने तेलंगाना, आंध्र प्रदेश विधान सभा और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन का एलान किया। दोनों नेताओं ने पुराने शिकवा शिकायतों को भुलाते हुए आगे बढ़ने का एलान किया। इस मौके पर राहुल गांधी ने कहा कि उनका गठबंधन देश का भविष्य और लोकतंत्र बचाने के लिए हुआ है। उन्होंने कहा कि इस काम के लिए सभी विपक्षी पार्टियों को एकजुट होना चाहिए। चंद्रबाबू ने कहा कि आज वक्त की जरूरत है कि सभी विपक्षी पार्टियों को मतभेद भुलाकर देश और लोकतंत्र बचाने के लिए एकजुट हों। इससे पहले चंद्रबाबू नायडू ने नेशनल कॉन्फ्रेन्स के फारुक अब्दुल्ला और एनसीपी के शरद पवार से भी मुलाकात की। एक हफ्ते में नायडू का यह दूसरा दिल्ली दौरा है। इससे पहले वो अरविंद केजरीवाल, शरद यादव से भी मुलाकात कर चुके हैं।