गुजरात में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को प्रस्तावक नहीं मिल रहे हैं। सूरत से एक ऐसा ही मामला सामने आया है। सूरत लोकसभा सीट से कांग्रेस ने निलेश कुम्भानी को उम्मीदवार बनाया था लेकिन उनका नामांकन फार्म रद्द कर दिया गया है। निलेश कुम्भानी ने चुनाव अधिकारी के सामने तीन प्रस्तावक के हस्ताक्षर करवाए थे, लेकिन जब वह नामांकन के लिए पहुंचे तो उनके साथ तीन में से एक भी प्रस्ताव मौजूद नहीं था।

कांग्रेस उम्मीदवार के साथ मौजूद नहीं था कोई प्रस्तावक

इसके बाद निलेश कुम्भानी का नामांकन फार्म रद्द कर दिया गया। वहीं नामांकन फार्म रद्द होने पर कांग्रेस के उम्मीदवार निलेश कुम्भानी ने कहा कि मेरी सुबह प्रस्तावकों से बात हुई थी और सभी ने कहा था कि 9 बजे तक कलेक्टर ऑफिस आ जाएंगे, लेकिन अब सभी के फोन बंद है।

कोर्ट जाएंगे कांग्रेस नेता

जब कांग्रेस उम्मीदवार का नामांकन रद्द हुआ तब उन्होंने कहा कि सरकार की धमकी के बाद सभी प्रस्तावक डर गए हैं। कांग्रेस के एक नेता बाबू मांगूकिया ने कहा कि हमारे तीनों प्रस्तावकों का अपहरण हुआ है और चुनाव अधिकारी को इसकी जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिना हस्ताक्षर का मिलान किए नामांकन फार्म रद्द करना गलत है और हम इसके खिलाफ हाईकमान से बात कर कोर्ट जाएंगे।

कांग्रेस के अंदर फूट

इस बीच कांग्रेस के अंदर ही बगावत देखने को मिल रही है। कांग्रेस के नेता असलम सायकलवाला ने कहा है कि निलेश कुम्भानी ने टिकट का सौदा कर लिया है और वह बिक चुके हैं। उन्हें उम्मीदवार बनाना कांग्रेस की सबसे बड़ी गलती है। अन्य कांग्रेसी नेताओं ने भी कहा कि प्रस्तावक में बहनोई, भांजा और उनके करीबी लोग ही थे लेकिन अब वही मौजूद नहीं है तो यह साफ है कि निलेश कुम्भानी खुद शंका के दायरे में है।

बीजेपी ने आरोपों को बताया गलत

वहीं कांग्रेस उम्मीदवार के प्रस्तावक के अपहरण के आरोप को बीजेपी ने उनकी हार की हताशा बताया है। बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि कांग्रेस को भी पता है गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीटों पर बीजेपी को 5 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत मिलेगी। इसी कारण कांग्रेस अनर्गल आरोप लगा रही है। बता दें कि पहले बीजेपी के दिनेश जोधानी ने ही कांग्रेस के उम्मीदवार निलेश कुम्भानी के नामांकन पत्र को लेकर सवाल उठाए थे और इसके बाद इसकी जांच हुई थी।