बिहार में चुनावी प्रचार जोरों पर है और सभी पार्टियों के नेता धुआंधार रैलियां कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी बिहार के चुनाव में लोगों के बीच उतर चुके हैं। बिहार के सीएम नीतीश कुमार की बोलने की शैली के प्रशंसक कम नहीं रहे हैं। आखिर उन्हें रैली में वोट मांगते वक्त यह क्यों कहना पड़ा कि तुम वोट मत देना। शनिवार को वह पार्टी के प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार के लिए वोट मांगने तेघड़ा विधानसभा पहुंचे थे। बोलते-बोलते वह आपा खो बैठे और कहा, ‘तुम पंद्रह-बीस लोग हो, तुम लोग वोट मत देना। पीछे देखो, हजारों लोग हैं।’
इसी बीच नीतीश ने अपने समर्थकों से फिर हाथ ऊपर करने को कहा। वह बोले, ‘अपने अगल-बगल देख लो कितने लोग हैं। हमें पता है कि ये सब किसके लिए कर रहे हो। ये उन लोगों का हाल ठीक कर देंगे, उनका बुरा हाल कर देंगे।’ जेडीयू के प्रत्याशी वीरेंद्र कुमार सीएम नीतीश के पुराने दोस्त हैं और उनमें कॉलेज के जमाने से ही दोस्ती है।
नीतीश ने कहा, ‘सोच लीजिए कितना काम किया गया है। लोगों को मौका मिला तो क्या करते थे। कहीं एक स्कूल बनाया था? अपने बाप से पूछो, अपनी माता से पूछो कहीं कोई स्कूल बना था? किसी को पढ़ने का अवसर मिलता था?’ पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी चीफ लालू यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘राज करने का मौका मिला तो ग्रहण करते रहे और अंदर चले गए तो पत्नी को बैठा दिया। आज बता दो, कोई गड़बड़ करने वाला आदमी है। अगर कोई गड़बड़ करेगा तो वह अंदर जाएगा।’
बिहार में इस बार जेडीयू एनडीए गठबंधन में है जबकि पिछली बार नीतीश ने लालू के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। महागठबंधन को जबरदस्त जीत भी हासिल हुई थी। इस बार महागठबंधन में भी दरार पड़ गई। वहीं लोजपा चीफ और केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान अकेले ही मैदान में हैं। वह पीएम मोदी की प्रशंसा तो करते हैं लेकिन चुनाव में उनके साथ नहीं हैं।
आप नीतीश कुमार के समर्थक हो या विरोधी लेकिन कल तक उनके भाषा और भाषण की शैली के निश्चित रूप से प्रशंसक रहे होंगे लेकिन इस भाषण के अंश को सुनकर आप भी शर्मिंदा हो जायेंगे ।@ndtvindia @Suparna_Singh @umashankarsingh pic.twitter.com/rBftv9GhWm
— manish (@manishndtv) October 24, 2020
दूसरी तरफ आज केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की भी बिहार में रैली थी। उन्होंने कहा, ‘बिहार के स्वाभिमानी लोग भगवान से यही कहते हैं कि इतनी ताकत दो कि अपने लिए दो रोटी कमा सकूं। कभी यह नहीं कहते कि चारा घोटाला करने का मौका दो। लक्ष्मी जी जब आती हैं तो हाथ में लालटेन लेकर नहीं बल्कि कमल लेकर आती हैं। ‘

