Election Results 2019: आम आदमी पार्टी, जो कि दिल्ली में भाजपा के साथ खुद को सीधी टक्कर में मान रही थी, उसे आम चुनावों के नतीजों से कहीं ना कहीं बड़ा झटका लगा है। आम आदमी पार्टी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों में से एक पर भी जीत दर्ज नहीं कर सकी। इतना ही नहीं उसके 3 उम्मीदवार तो अपनी जमानत भी नहीं बचा सके। आप के इन तीन उम्मीदवारों को 16.6% वोट शेयर भी नहीं मिल सका। आप के जिन उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है, उनमें चांदनी चौक सीट से पंकज गुप्ता, नई दिल्ली सीट से ब्रजेश गोयल और उत्तर पूर्वी सीट से दिलीप पांडे शामिल हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों में उम्मीदवारों का चयन ठीक से नहीं किया, जिसका पार्टी को खामियाजा भुगतना पड़ा।
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हरियाणा में भी खराब प्रदर्शनः दिल्ली के पड़ोसी राज्य हरियाणा की बात करें तो हरियाणा में आम आदमी पार्टी ने जन नायक पार्टी (जेजेपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। गठबंधन के तहत हरियाणा की 10 सीटों में से 3 सीटें आप के खाते में गई थी। हालांकि तीनों ही सीटों पर आप का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और पार्टी उम्मीदवारों को 2% से भी कम वोट शेयर मिला। आम आदमी पार्टी ने अंबाला से पूर्व डीजीपी पृथ्वी राज को मैदान में उतारा था, जिन्हें सिर्फ 12,302 वोट मिले। पार्टी ने करनाल और फरीदाबाद सीट पर क्रमशः कृष्ण कुमार अग्रवाल और नवीन जयहिंद को चुनाव मैदान में उतारा था। इन दोनों ही नेताओं को क्रमशः 22,084 और 11,112 वोट मिले।
बता दें कि हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज कर क्लीन स्वीप किया। वहीं दिल्ली में भी भाजपा ने सभी सीटें अपने खाते में डाली। दिल्ली में आप सिर्फ दो सीटों को छोड़कर बाकी सभी सीटों पर तीसरे नंबर पर रही।
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भगवंत मान ही बचा सके पंजाब में इज्जतः दिल्ली, हरियाणा के बाद पंजाब में भी आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। पंजाब में बीते विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी सत्ता की दावेदार बनकर उभरी थी। हालांकि पार्टी फिर आशा के अनुरुप प्रदर्शन नहीं कर पायी थी। अब आम चुनावों में भी आम आदमी पार्टी को अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद थी और उसने राज्य की सभी 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। गुरुवार को घोषित हुए नतीजों में पार्टी संगरुर की सीट छोड़कर बाकी सभी सीटों पर चुनाव हार गई। पूर्व कॉमेडियन भगवंत मान ही संगरुर से जीतकर पार्टी की कुछ लाज बचा सके। भगवंत मान ने कांग्रेस के केवल सिंह ढिल्लो को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया।