Vidhansabha Elections: इस साल के अंत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। बीजेपी की तरफ से छत्तीसगढ़ की 21 विधानसभा सीटों और मध्य प्रदेश की 39 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान भी किया जा चुका है। कांग्रेस में भी चुनाव को लेकर बैठकों का दौर जारी है। फिलहाल छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के भूपेश बघेल की सरकार है, वहीं मध्य प्रदेश में बीजेपी के शिवराज चौहान की सरकार है।
बीजेपी द्वारा जारी की गई छत्तीसगढ़ के उमीदवारों की लिस्ट में सबसे ज्यादा सुर्खियां बंटोरने वाली विधानसभा सीट पाटन है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अभी पाटन से विधायक हैं। बीजेपी ने सीएम भूपेश बघेल के भतीजे और बीजेपी नेता विजय बघेल को पाटन से चुनाव मैदान में उतारा है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि चाचा-भतीजे के आमने-सामने होने से यहां मुकाबला दिलचस्प होगा। विजय बघेल वर्तमान में बीजेपी के सांसद हैं। बता दें कि पाटन ओबीसी बहुल सीट है और इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गढ़ माना जाता है।
चाचा-भतीजा की राजनैतिक लड़ाई है दिलचस्प
पिछले विधानसभा चुनाव में पाटन सीट से भूपेश बघेल के खिलाफ बीजेपी ने मोती लाल साहू को चुनाव मैदान में उतारा था। बीजेपी प्रत्याशी को भूपेश बघेल ने 27,000 वोट से हराया था। चौथी बार भूपेश बघेल के खिलाफ उनके भतीजे विजय बघेल चुनावी मैदान में उतर रहे है। विजय बघेल पहली बार साल 2003 में एनसीपी के टिकट पर पाटन सीट से अपने चाचा भूपेश बघेल के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरे थे। तब वह 7,000 वोटों से हार गए थे। साल 2008 में दूसरी बार विजय बघेल अपने चाचा के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। इस बार विजय बघेल ने भूपेश बघेल को 7,500 वोटों से हराया था। तीसरी बार साल 2013 में भी दोनों एक दूसरे के आमने-सामने थे। इस बार भूपेश बघेल ने अपने भतीजे को लगभाग 10 हजार वोटों से हराया था।
बीजेपी ने वरिष्ठ नेताओं की भी सीट बदली
बीजेपी ने अपने प्रमुख नेताओं में से एक वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम की भी सीट बदल दी है। बलरामपुर की जगह उन्हें रामनगंज निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतारा गया है। वह साल 2013 में कांग्रेस के बृहस्पत सिंह से हार गए थे। बृहस्पत सिंह ने साल 2018 में भाजपा के रामकिशुन सिंह को भी हरा दिया था।
बीजेपी ने बालोद जिले के जिला पंचायत अध्यक्ष देवलाल ठाकुर को डोंडी लोहारा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है। यह सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीट है। भूपेश बघेल सरकार में मंत्री अनिला भेंडिया ने साल 2018 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। कांकेर जिले में बीजेपी की एसटी इकाई के प्रमुख आशाराम नेताम को आरक्षित (एसटी) सीट से कांग्रेस विधायक शिशुपाल शोरी के खिलाफ चुनाव में उतारा गया है।