Chhattisgarh Congress Candidate Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान मंगलवार (7 दिसंबर 2023) को होगा। इसमें राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल की भी किस्मत का फैसला होगा। वह पाटन सीट से उम्मीदवार हैं। यहां से वह पहले पांच बार विधायक रह चुके हैं। 2018 में भाजपा की सरकार के गिरने के बाद वह राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लिए थे। इससे पहले वह राज्य कांग्रेस के मुखिया और विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य के गठन से पहले मध्य प्रदेश सरकार में भी रहे मंत्री
उनका जन्म 23 अगस्त 1961 को मध्य प्रदेश के दुर्ग जिले के एक किसान परिवार में हुआ था। भूपेश बघेल अनुभवी राजनीतिज्ञ के साथ ही पार्टी के दबंग नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य बनने से पहले वह अविभाजित मध्य प्रदेश में दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद वे पहले राजस्व, जन स्वास्थ्य यांत्रिकी और राहत कार्य मंत्री बनाए गए थे।
एक कार्यकर्ता के तौर पर 1986 में की राजनीतिक जीवन की शुरुआत
उन्होंने अपने सियासी जीवन की शुरुआत 1986 में पार्टी में कार्यकर्ता के तौर पर की थी। वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव और कार्यक्रम समन्वयक बनाए गए। 1990 में उन्हें इसका अध्यक्ष बनाया गया। 1993 में, वह पाटन से मध्य प्रदेश विधानसभा के विधायक के रूप में चुने गए। अगले चुनाव में भी उन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस शासन में वे राज्य मंत्री, लोक शिकायत निवारण (स्वतंत्र प्रभार), और परिवहन मंत्री की जिम्मेदारियां निभाईं।
विधायक, मंत्री, विपक्ष के नेता, सीएम समेत कई अहम जिम्मेदारियां संभाली
नवंबर 2000 में जब मध्य प्रदेश का विभाजन हुआ और छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ तो वे विधायक बनने के बाद मंत्री, राजस्व पुनर्वास, राहत कार्य, जन स्वास्थ्य यांत्रिकी के रूप में नियुक्त हुए थे। उन्होंने 2013 के चुनाव में फिर से पाटन विधानसभा सीट जीती, और कार्य समिति सदस्य, छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बने और 2014-15 में, वे लोक लेखा समिति, छत्तीसगढ़ सरकार के सदस्य बने।
दुर्ग के नंद कुमार बघेल और बिंदेश्वरी बघेल के बेटे भूपेश बघेल का विवाह मुक्तेश्वरी बघेल से हुआ है। उनके एक बेटा और तीन बेटियां हैं। राजनीति में आने से पहले क्षेत्र में उनके परिवार की काफी प्रतिष्ठा रही है।
विवादों से भी रहा नाता, आरोपों का डटकर करत रहे हैं सामना
1993 से छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के संरक्षक बघेल का नाम विवादों में भी रहा है। उन पर राज्य के एक मंत्री की ‘फर्जी’ सीडी प्रसारित करने का आरोप था। सीबीआई कोर्ट ने उन्हें 14 दिनों के लिए जेल भी भेजा था. हालांकि, बघेल ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। यहां तक कि उन्होंने अपने बचाव के लिए वकील नियुक्त करने से भी इनकार कर दिया था।
इस बार के चुनाव से पहले उन पर फिर विवादों की छाया पड़ गई। बीजेपी ने उन पर करोड़ों रुपये रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। हाल ही में ऑनलाइन सट्टेबाजी कारोबार करने वाले महादेव बेटिंग ऐप के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने दुबई से एक वीडियो भेजकर खलबली मचा दी थी। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी में वांछित सोनी ने दावा किया था कि वह सीएम भूपेश बघेल के कहने पर दुबई गया था। उसके बैंक खातों और उसके सहयोगियों से पूछताछ में ईडी ने दावा किया कि महादेव ऐप प्रमोटर्स द्वारा लगभग 508 रुपये करोड़ का भुगतान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किया गया है। हालांकि सीएम भूपेश बघेल इससे इनकार कर रहे हैं और इसे सियासी दुश्मनी बताया।