Rajnandgaon Lok Sabha Election 2024 Date, Candidate Name: लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान से पहले ही राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है। ऐसे ही छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से राजनांदगांव लोकसभा सीट एक महत्वपूर्ण सीट है। राजनांदगांव लोकसभा सीट से वर्तमान में भाजपा के संतोष पांडे सांसद हैं।

शिवनाथ नदी तट पर स्थित राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र वन और खनिज संसाधनों के अलावा कृषि आधारित है। एशिया का पहला और एकमात्र संगीत विश्वविद्यालय इंदिरा कला एवं संगीत विवि के नाम से खैरागढ़ की पूरी दुनिया में विशेष पहचान है।

लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम

छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव सीट पर भाजपा के संतोष पांडेय ने चुनाव में जीत हासिल की थी। उन्होने कांग्रेस के उम्मीदवार भोलाराम साहू को एक लाख 11 हजार 966 मतों से शिकस्त देकर सीट को बरकरार रखा था। बीजेपी के संतोष पांडे को 6.62 लाख मत हासिल हुए थे जबकि कांग्रेस के भोलाराम साहू को 5.50 लाख वोट मिले थे। बीएसपी की रविता धुव्र 17,145 मत हासिल कर तीसरे स्थान पर रही थीं।। इस सीट पर 19456 मत NOTA को प्राप्त हुए थे। कुल मिले मतों में बीजेपी को 50.68, कांग्रेस को 42.11, बीएसपी को 1.31, तथा नोटा को 1.49 प्रतिशत मत हासिल हुए थे।

राजनांदगांव से भूपेश बघेल लड़ सकते हैं चुनाव

लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भूपेश बघेल के राजनांदगांव लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा गया था। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पूर्व CM भूपेश बघेल आगामी लोकसभा चुनावी में राजनांदगांव से मैदान में उतर सकते है। पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भूपेश बघेल के नाम का प्रस्ताव रखा था। राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के सभी विधायकों ने इस फैसले का समर्थन किया था। बघेल वर्तमान में पाटन विधानसभा सीट से विधायक हैं। वहीं, दूसरी ओर लोकसभा की उम्मीदवारी पर मीडिया से चर्चा में भूपेश बघेल ने कहाथा कि मैं चुनाव नहीं लड़ना चाहता।

दैनिक भास्कर उम्मीदवार सर्वे-2024 में छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव लोकसभा सीट पर कांग्रेस से जितेंद्र मुदलियार को सबसे ज्यादा 26% लोगों ने समर्थन दिया। वहीं दूसरे नंबर पर छन्नी साहू रहे, जिन्हें 25% लोग कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर देखना चाहते हैं। सर्वे में तीसरे नंबर पर निखिल द्विवेदी को पसंद किया गया।

राजनांदगांव लोकसभा सीट का इतिहास

साल 1957 से अब तक हुए 17 चुनाव में यहां से नौ बार कांग्रेस, आठ बार जनता पार्टी और भाजपा ने जीत दर्ज की। यहां साल 1991 तक खैरागढ़ राजपरिवार का सिक्का चला लेकिन महल से हटने के बाद कांग्रेस की वापसी नहीं हो पाई। राजनांदगांव के संसदीय इतिहास में सबसे अधिक सात सांसद खैरागढ़ ही से चुने गए है। साल 1999 में हुए लोकसभा चुनाव का पासा भाजपा के पक्ष में ऐसे पलटा कि कांग्रेस यहां दोबारा जीत दर्ज नहीं कर पाई। हालांकि वर्ष 2007 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के देवव्रत सिंह ने जीत हासिल की थी। इसके बाद से अब तक कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में हार का ही सामना करना पड़ रहा है।

राजनांदगांव का जातीय समीकरण

राजनांदगांव की कुल जनसंख्या करीब 23 लाख है, जिसमें आदिवासी और लोधी समाज की बहुलता है। दोनों क्रमश: 35 और 30 प्रतिशत हैं। राजनांदगांव जिला पहले दुर्ग जिले का हिस्सा हुआ करता था। 26 जनवरी 1973 को अलग होकर राजनांदगांव जिला अस्तित्व में आया। तब इसमें कवर्धा भी शामिल था, जो अब अलग जिला बन गया है। राजनांदगांव लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल आठ सीटें आती हैं। इनमें खैरागढ़, डोंगरगढ़ अनुसूचित जाति, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, मोहला-मानपुर अनुसूचित जनजाति, कवर्धा और पंडरिया शामिल हैं।