केंद्र की मोदी सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रामदास अठावले ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर निशाना साधा है। उन्होंने आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा तथा शिवसेना के बीच सीट बंटवारे के दौरान अपनी पार्टी की उपेक्षा पर नाराजगी जताई। एएनआई के अनुसार, अठावले ने धमकी भरे लहजे में कहा, “मुझे कोई किनारे करेगा तो उन्हें किनारे करने की ताकत मुझमे है। ये बात सही है कि जब भाजपा शिवसेना में जब तालमेल हो गया, अमित शाह की उपस्थिति में जब ये घोषणा हो गया, तब मुझे वहां बुलाने की आवश्यकता थी।”
अठावले ने आगे कहा, “पूरे देश में ये संदेश गलत गया कि शिवसेना-भाजपा एक साथ आए लेकिन रिपब्लिकन पार्टी को हवा में छोड़ दिया। एक भी सीट रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को नहीं दी। अभी भी इसमें सुधार किया जा सकता है। हमारी इतनी बड़ी मांग नहीं है।”
दरअसल, बीते 18 फरवरी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में दोनों पार्टियों ने आगामी लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा की। महाराष्ट्र की कुल 48 लोकसभा सीटों में से 25 पर भाजपा और 23 पर शिवसेना के लड़ने की सहमति बनी। वहीं, इस साल प्रस्तावित 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टी बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेगी। लेकिन इस दौरान केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की पार्टी की कोई चर्चा नहीं की गई।
इस पर नाराजगी जताते हुए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता ने कहा था, हमारी उपेक्षा की गई है। दोनों पार्टियों को इस पर फिर से विचार करना चाहिए। कांग्रेस और राकंपा ने हमसे संपर्क किया है, लेकिन मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रहना चाहता हूं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में हमारी पार्टी के लिए एक सीट (सतारा) छोड़ी गई थी। आज भाजपा और शिवसेना के फैसले में दलित समाज और हमारी उपेक्षा की गई है। इससे दलित समाज में आक्रोश है। मैंने बार-बार कहा था कि भाजपा और शिवसेना को साथ आना चाहिए। वे साथ आ गए हैं, ये अच्छी बात है, लेकिन हमारी पार्टी को और हमें भूलना ठीक बात नहीं है। अगर वे हमें साथ नहीं रखते हैं, तो उन्हें इसका भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।”