यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा की लाज बचाने वाले उमाशंकर सिंह गरीबों के मसीहा कहे जाते हैं। बसपा के टिकट पर विजयी होने वाले उमा शंकर सिंह एकलौते उम्मीदवार हैं। उमाशंकर सिंह ने बलिया के रसड़ा सीट से जीत हासिल की है। उमाशंकर सिंह ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार महेंद्र को करीब 6,000 मतों के अंतर से हराया है।
रसड़ा में बसपा नेता की छवि “रॉबिन हुड” की है। जो स्थानीय लोगों को खुले दिल से मदद करते हैं। लोगों को उनकी बेटियों की शादी में उदारता से मदद करते हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि कोई भी इनसे मदद मांगे, वो उसे खाली हाथ नहीं लौटाते हैं। उमाशंकर सिंह अपने क्षेत्र में फ्री वाई-फाई भी देते हैं। उमाशंकर सिंह तीन बार बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और तीनों बार जीत चुके हैं। सिंह बसपा के सबसे धनी उम्मीदवार भी थे।
पेशे से ठेकेदार उमाशंकर सिंह ने पहले 2012 में और फिर 2017 में विधायकी का चुनाव लड़ा था। इस सीट से उनकी तीसरी जीत है। रसड़ा में ऐसी मान्यता है कि विपक्षी दल के विधायक होते हुए भी वो अपने क्षेत्र के विकास कार्य करवा सकते हैं। अपनी जीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने इसका श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं और रसड़ा विधानसभा क्षेत्र की जनता को दिया। उन्होंने कहा कि उनका एक ऐसे उम्मीदवार के साथ करीबी लड़ाई थी, जो पहले कभी निर्वाचन क्षेत्र का दौरा ही नहीं किया था।
उमाशंकर सिंह ने छात्रसंघ से अपनी राजनीति की शुरूआत की थी। 2012 में तब वो जीते जब बसपा सत्ता से बाहर हो गई थी, इसके बाद 2017 में भी वो जीते, लेकिन बसपा का प्रदर्शन खराब ही रहा, इस बार तो उन्हें छोड़कर कोई भी नहीं जीता। इस बार बसपा का अबतक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है।
हार के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि मुस्लिम वोटों के सपा में जाने के कारण उनकी पार्टी को नुकसान हुआ है। इसके साथ ही मायावती ने कहा कि बसपा को बीजेपी की बी टीम के रूप में दिखाया गया, जिसने भाजपा विरोधी मतदाताओं को बसपा से दूर कर दिया।