पटना के गांधी मैदान में तीन मार्च को हुई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की संकल्प रैली को  कई कारणों से सुर्खियों में रही। बिहार की राजनीति की दशा और दिशा  के लिहाज से भी इस रैली से कई प्रमुख चीजें सामने आईं। भीड़ के दम पर चुनावी मैदान में पार्टियां दंभ भरती हैं लेकिन इस रैली में भीड़ अपेक्षा के अनुसार कम नजर आई। इतना ही नहीं इस रैली के दौरान केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के संबंधों की खटास भी देखने को मिली। राजग की इस रैली में गिरिराज सिंह नदादर दिखे। उनकी नामौजूदगी के दौरान अटकलें लगाई गईं कि उनके विवादित बयानों के चलते रैली में उनकी मौजूदगी को लेकर विरोध किया गया था।जिस वजह से वह वहां नहीं आए।

बीजेपी से ज्यादा जद(यू) के झंडे: रैली में इन आतंरिक और आलोचनाओं के साथ-साथ एक और चीज देखने को मिली, रैली के दौरान बीजेपी के सहयोगी दल जद(यू) के झंडे लहराते दिखाई दिए। बीजेपी के नेताओें ने भी यह बात स्वीकार की कि पार्टी की ताकत के हिसाब से रैली में भीड़ नहीं जुट पाई थी। बीजेपी के सीनियर नेताओं ने बिहार के स्थानीय नेताओं को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।

गौरतलब है कि रैली को लेकर गिरिराज सिंह ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि रैली में भाग नहीं लेने वाला शख्स राष्ट्रविरोधी माना जाएगा। 3 मार्च को संकल्प रैली के दौरान सिंह का ट्वीट आया कि अपने लोकसभा क्षेत्र नवादा से बिहार की राजधानी आते समय वह बीमार हो गये। उनके गैर मौजूदगी को लेकर नेताओं ने उन्हें उनके बयान को लेकर घेरा। गिरिराज के इस बयान से जद(यू ) ने भी किनारा कस लिया है और किसी ने इस संबंध में कोई बयान नहीं दिया।  वहीं विपक्ष के नेताओं ने कहा कि अब गिरिराज सिंह बताएं   कि राष्ट्रविरोधी कौन है। पप्पू यादव ने केंद्रीय मंत्री सिंह पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब वह अपने लिए किस देश का वीजा आवेदन करने जा रहे हैं।