Lok Sabha Election 2019 की शुरुआत हो चुकी है। पहले चरण के मतदान में अब 2 हफ्ते शेष हैं। ऐसे में कई मुद्दे फिर से चर्चाओं में हैं। इस बार राफेल, पुलवामा, बालाकोट एयर स्ट्राइक आदि के चलते राम मंदिर का मसला हर बार के मुकाबले थोड़ा ठंडा है। ‘राम भरोसे’ देश में कई चुनाव लड़े गए और कई बार जीते भी गए। देश की एक लोकसभा सीट ऐसी है, जो पिछले 42 साल से ‘राम भरोसे’ ही जीती जा रही है। यह बिहार की हाजीपुर लोकसभा सीट है, जो लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष राम विलास पासवान का गढ़ बन चुकी है। बता दें कि पासवान अलग-अलग राजनीतिक दलों में रहने के बावजूद 1977 से अब तक 8 बार इस सीट पर जीत हासिल चुके हैं।
11 चुनावों में हर बार जीत ‘राम भरोसे’: हाजीपुर में पिछले 11 चुनावों में जनता पार्टी, कांग्रेस, जनता दल, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी का कब्जा रहा है। अलग-अलग पार्टियों का यहां कब्जा रहा, लेकिन जीत हर बार ‘राम भरोसे’ ही मिली है। दरअसल इस दौरान यहां से जो भी प्रत्याशी जीता, संयोग से उसका नाम राम से ही शुरू हुआ।

National Hindi News Today Live: पढ़ें आज के बड़े अपडेट्स
8 जीत अकेले पासवान के नामः हाजीपुर लोकसभा सीट से 8 बार राम विलास पासवान को जीत मिली है। वे मौजूदा मोदी सरकार में मंत्री भी हैं। इसी सीट से उन्होंने 1977 में अपने पहले चुनाव में उस वक्त की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। पासवान भारत में दलित समुदाय से आने वाले बड़े नेताओं में शुमार हैं। वे भारतीय लोक दल के नेता थे, जिसे 1977 में जनता पार्टी में विलय कर दिया गया था।

इस बार टूट सकता है सिलसिलाः 1952 में हाजीपुर सीट पर पहली बार चुनाव हुए थे, लेकिन 1977 से ‘राम भरोसे’ जीत का सिलसिला बरकरार है। राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी की स्थिति यहां काफी मजबूत मानी जाती है। हालांकि, इस बार ‘राम भरोसे’ जीत का सिलसिला टूट सकता है। दरअसल, इस बार राम विलास पासवान चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उनकी जगह हाजीपुर से लोजपा के बिहार अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस को एनडीए ने अपना प्रत्याशी बनाया है। वहीं, अब तक सामने आए अन्य प्रत्याशियों में भी किसी का नाम राम नहीं है। ऐसे में इस बार यह सिलसिला टूट सकता है।