Bihar Elections 2020 में बड़े युवा चेहरों में LJP के चिराग पासवान भी हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी के कायल हैं, पर फिलहाल बिहार के मुख्यमंत्री और JD(U) चीफ नीतीश कुमार से सियासी बैर पाले हैं। चिराग भले ही मौजूदा समय में सक्रिय तौर पर राजनीति में हों, मगर वह कई विधाओं और कलाओं से होकर यहां तक पहुंचे हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर वह बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया में पहुंचे। वहां खासा दाल न गली, तो पिता की विरासत संभालने सियासत में लैंड हुए।
चिराग, मूल रूप से खगड़िया (बिहार) से ताल्लुक रखते हैं। वह केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री और सांसद राम विलास पासवान के बेटे हैं। पिता की तबीयत नासाज होने के कारण (हाल में दिल का ऑपरेशन हुआ है) फिलहाल LJP की कमान संभाल रहे हैं। 31 अक्टूबर 1982 को उनका जन्म हुआ था। वैसे तो चिराग ने पढ़ाई की इंजीनियरिंग की, मगर रुचि एक्टिंग में थी। बॉलीवुड फिल्म में भी काम कर चुके हैं। साल 2011 में ‘Miley Naa Miley Hum’ में उन्होंने अभिनय किया था। हालांकि, यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाल न दिखा पाई थी।

‘Miley Naa Miley Hum’ के प्रमोश्नल इवेंट के दौरान एक्ट्रेस नीरू बाजवा और सागरिक घाटगे के साथ चिराग पासवान। (एक्सप्रेस आर्काइव फोटो)
हालांकि, साल 2014 में जमूई सीट से अपनी पार्टी के टिकट पर वह आम चुनाव लड़े। और, जीते भी। उन्होंने RJD के सुधांशु शेखर भास्कर को करीब 85 हजार वोटों क अंतर से हराया था। 2019 के इलेक्शंस में भी उन्होंने अपनी यह सीट बचाए रखी। इस बार उन्होंने भूदेव चौधरी को मात दी थी। चिराग को तब 5,28,771 वोट मिले थे।
चिराग फिल्मों और सियासत के अलावा सामाजिक कार्यों में भी रुचि रखते हैं। उनका एक NGO (गैर सरकारी संस्था) भी है, जिसका नाम- Chirag ka Rojgar है। इसका मुख्य मकसद सूबे के बेरोजगार युवकों को काम दिलाना है। बिहार चुनाव 2020 से पहले उन्होंने ‘Bihar First, Bihari First’ कैंपेन की शुरुआत की। राजनीतिक एक्सर्ट्स के मुताबिक, इसके जरिए चिराग खासकर युवाओं को टारगेट कर साधना करना चाहते हैं।

कभी ऐसे बाल और लुक रखा करते थे चिराग पासवान। (एक्सप्रेस आर्काइव फोटो)
चुनावी जानकार कहते हैं कि NDA के साथ LJP के जाने के लिए पिता रामविलास पासवान को बेटे चिराग ने ही सलाह दी थी। आज उसी दूरदृष्टिता और फैसले के कारण पासवान मोदी सरकार में दूसरी बार केंद्रीय मंत्री हैं।
वैसे, समय के साथ चिराग भले ही सियासत में सक्रिय जरूर हो गए हैं, मगर फिलहाल उन्हें घटक दल और अन्य लोग गंभीरता से शायद कम ही लिया जाता है। इस बात के संकेत कुछ वक्त पहले पिता के बयान से ही मिले थे। एनडीए में जेडीयू के साथ दरार पर रामविलास पासवान ने तब कहा था- चिराग जो फैसला लेंगे, वह उसमें उनके साथ मजबूती से खड़े हैं।
एक्सपर्ट्स की मानें तो पिता की विरासत संभालने में चिराग को खासा मुश्किल तो नहीं हुई, मगर अपरिपक्वता के कारण उन्हें खासकर NDA गठबंधन में तुनक मिजाजी शख्सियत के रूप में कुछ लोग देखते हैं।