बिहार में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है और विभिन्न राजनैतिक पार्टियां अपने अपने स्तर पर चुनावी वादे कर रही हैं। राजनैतिक पार्टियों की रणनीति फिलहाल जातीय समीकरण के इर्द-गिर्द घूम रही है, जिससे विकास से जुड़े मुद्दे कहीं पीछे छूट गए हैं। एक न्यूज चैनल के डिबेट कार्यक्रम के दौरान बिहार के एक युवा ने रोजगार के मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरा और कई गंभीर सवाल उठाए। युवक का आरोप है कि नीतीश सरकार के पास कोई विजन नहीं है, वो लोगों को नौकरियां कहां से देंगे?

दरअसल न्यूज 18 चैनल के एक कार्यक्रम के दौरान एंकर ने लोगों की भीड़ में से एक युवक से बात की। उस युवक ने नीतीश सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “नीतीश सरकार का मुद्दा अब कैसे बदल गया? 6 माह पहले जब कोरोना के बड़ी संख्या में अप्रवासी मजदूर वापस बिहार लौटे और उनका मुद्दा था कि हमें अब बाहर नहीं जाना है और हमें यहीं रोजगार चाहिए तो फिर आपका अब नियम कैसे बदल गया? अब जातिवाद के आधार पर वोट क्यों मांगे जा रहे हैं?”

युवक ने कहा कि मुद्दा रोजगार होना चाहिए, जो विकास का विजन दे, उसे वोट दिया जाएगा। युवक ने कहा कि “आप कहते हैं कि 10 लाख नौकरी देंगे लेकिन आपके पास कोई विजन नहीं है, कहां से देंगे नौकरी?”

युवक के अनुसार, “बिहार में 38 हजार कॉलेज खोल दिए गए हैं, लेकिन इनमें 8 हजार बच्चे भी एडमिशन नहीं ले पाते हैं। कई कॉलेज में 5-10 बच्चे ही हैं। सरकार इन 8000 बच्चों में से कितनों को रोजगार देगी। इसके लिए सरकार के पास क्या विजन है? जब तक कोई विजन नहीं होगा मैं किसी पार्टी को वोट नहीं दूंगा।”

बता दें कि नीतीश कुमार बीते 15 सालों से बिहार की सत्ता पर काबिज हैं, जिसके चलते इस बार उन्हें सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ रहा है। बेरोजगारी नीतीश सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है, यही वजह है कि बिहार के युवा लगातार मुखर होकर नीतीश सरकार को निशाने पर ले रहे हैं। बिहार में जदयू की सहयोगी भाजपा केन्द्र में सत्ता पर काबिज है और वह भी रोजगार के मुद्दे पर घिरी हुई है। जिसके चलते बिहार चुनाव में बेरोजगारी का मुद्दा व्यापक रूप से उठ रहा है।