बिहार में चौथे चरण की पांच संसदीय सीटों पर चुनाव 13 मई को होगा। ये सीटें दरभंगा, उजियारपुर, मुंगेर, बेगूसराय, समस्तीपुर हैं। यहां शनिवार शाम से चुनाव प्रचार का शोर थम गया है। इन सीटों पर राजग का कब्जा है। तीन भाजपा, एक जद(एकी) और एक पर लोजपा का है। लेकिन सभी पांच सीटों में से तीन पर राजद, एक पर कांग्रेस और एक पर भाकपा से कड़ा मुकाबला है।
नतीजतन दो केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, नित्याननंद राय, जद(एकी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है। वहीं बिहार के दो मंत्रियों के पुत्र-पुत्री समस्तीपुर सीट पर आमने-सामने होने से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल हो गया है। दरअसल दोनों एक ही दल के मंत्री है।
पांच सीटों पर कुल 95 लाख 83 हजार से ज्यादा मतदाता है। जो चुनावी मैदान में उतरे 55 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इनमें चार महिलाएं भी हैं। दरभंगा में सबसे कम उम्मीदवार आठ चुनाव मैदान में है। लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा के निवर्तमान सांसद गोपालजी पाठक और राजद के ललित यादव के बीच है।
2019 चुनाव में राजद उम्मीदवार अब्दुलबारी सिद्दीकी को इन्होंने 2 लाख 67 हजार से अधिक मतों से पराजित किया था। वहीं, उजियारपुर में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री भाजपा उम्मीदवार नित्याननंद राय और बिहार के पूर्व मंत्री राजद प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता के बीच कड़ा मुकाबला है। 2019 में नित्यानंद राय के सामने मुकाबले में रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा थे और 2 लाख 77 हजार मतों से पराजित हुए।
जद(एकी) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह तीसरी बार मुंगेर के सांसद बनने के लिए मशक्कत कर रहे है। इनका मुकाबला बाहुबली अशोक महतो की पत्नी व राजद प्रत्याशी अनिता देवी से है। समस्तीपुर से कभी कर्पूरी ठाकुर सांसद बने थे। शांभवी बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी है और मंत्री रहे महाबीर चौधरी की पौत्री है।
इनको राजग के लोजपा(र) घटक दल ने टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने सन्नी हजारी को इंडिया गठबंधन के तहत चुनावी जंग में उतारा है। ये बिहार सरकार के मंत्री महेश्वर हजारी के पुत्र हैं। बेगूसराय में केंद्रीय मंत्री व भाजपा उम्मीदवार गिरिराज सिंह का कड़ा मुकाबला भाकपा के अवधेश राय से है।