बहुजन समाज पार्टी को बड़ा झटका लगा है। अंबेडकरनगर से सांसद रितेश पांडे ने बसपा से इस्तीफा दे दिया है। रितेश पांडे ने एक पत्र लिख बसपा की सदस्यता से इस्तीफा दिया है। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती पर मिलने का समय न देने का आरोप लगाया है। रितेश पांडे ने पत्र में लिखा कि पार्टी और कार्यकर्ताओं ने उन्हें हर कदम पर अंगुली पकड़कर राजनीति में चलना सिखाया।

रितेश पांडे का बड़ा आरोप

रितेश पांडे ने लिखा कि लंबे समय से ना तो पार्टी की बैठक में बुलाया जा रहा है, ना ही मुझसे कोई संवाद किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मैंने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों से मिलने के लिए कई प्रयास के लिए लेकिन सफलता नहीं मिल पाई और इसीलिए पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देने के अलावा मेरे पास कोई विकल्प नहीं है।

रितेश पांडे ने पत्र में आग्रह किया है कि उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया जाए। बता दें कि रितेश पांडे के बीजेपी में जाने की अटकलें भी चल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 8 सांसदों के साथ लंच किया था, उसमें रितेश पांडे भी शामिल थे।

रितेश पांडे पहले बसपा के टिकट पर अंबेडकर नगर जिले की जलालपुर विधानसभा सीट से विधायक थे। रितेश पांडे के पिता राकेश पांडे बीएसपी के बड़े नेता रह चुके हैं और वह वर्तमान में सपा में हैं। राकेश पांडे अंबेडकरनगर से पूर्व सांसद भी हैं। पिछले काफी समय से अटकलें चल रही थी कि बसपा के कई सांसद पार्टी से इस्तीफा दे सकते हैं और बीजेपी या सपा जॉइन कर सकते हैं।

रितेश पांडे से पहले मायावती ने बसपा सांसद रहे दानिश अली को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। बसपा की ओर से आरोप लगाया गया था कि दानिश अली पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं।

मायावती का बड़ा बयान

रितेश पांडे के इस्तीफे पर मायावती ने कहा, “अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वंय जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है? ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि है।”