Lok Sabha Elections 2019: भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती द्वारा उन्हें भाजपा का जासूस बताने पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि बहन जी (मायावती) को गुमराह किया जा रहा है। भीम आर्मी चीफ ने कहा, ‘सतीश चंद्र मिश्रा के जरिए उन्होंने कांशीराम जी के टीम के साथियों को एक-एक कर बीएसपी से बाहर निकलवा दिया। तभी आज इतने बड़े विरोध के बाद भी ब्राह्मणवादी और संविधान विरोधी लोगों को टिकट देकर संसद में भेजने की तैयारी चल रही है। जिन सवर्णों को टिकट मिला है उनका बहुजन में क्या योगदान है?’
चंद्रशेखर ने इस बार नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है। मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उम्मीदवारी वाले वाराणसी लोकसभा क्षेत्र में दलित वोटों में बंटवारा कराकर लाभ लेने के लिए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को चुनाव लड़ाने का आरोप लगाते हुए रविवार (31 मार्च, 2019) को मतदाताओं से अपील की कि वह ऐसे झांसे में ना आएं। मायावती ने यहां एक बयान में कहा कि भाजपा खासकर दलितों के वोट बांटकर, खुद को फायदा पहुंचाने के लिए ही भीम आर्मी के संचालक चन्द्रशेखर को वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़वा रही है ताकि बसपा का दलित वोट बंट जाए।
उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि खासकर दलित वर्ग के लोग भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव मैदान में उतारे गए व्यक्ति को अपना वोट देकर उसे खराब ना करें। बसपा प्रमुख ने आरोप लगाया कि भीम आर्मी का गठन भाजपा ने ही कराया है। भाजपा ने ही साजिश के तहत सहारनपुर ज़िले में शब्बीरपुर काण्ड कराया। इसका खुलासा होने पर उसे जेल भेजा गया लेकिन चुनाव नजदीक आते ही भाजपा ने ही उसे जेल से बाहर निकाल लिया।
मालूम हो कि अप्रैल-मई 2017 में सहारनपुर के शब्बीरपुर में हुई जातीय हिंसा के मामले में आरोपी भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं। सपा-बसपा-रालोद महागठबंधन के तहत यह सीट सपा के खाते में आयी है। (भाषा इनपुट सहित)