देश में चुनावी मौसम है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मंच तैयार हो गया है। चुनाव आयोग तारीखों का ऐलान भी कर दिया है। मतदान 7 नवंबर से 30 नवंबर के बीच होगा जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। इस बीच बीजेपी ने शनिवार को मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 92 उम्मीदवारों की पांचवीं सूची जारी कर दी है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करना शनिवार से शुरू हो गया है। मध्य प्रदेश चुनाव और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन दाखिल करना भी शनिवार से शुरू हो गया है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा ने दो-दो लिस्ट जारी कर दी हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार सुबह दशहरा के अवसर पर कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए पोस्टर जारी किया तब मुख्यमंत्री ने तत्काल पलटवार करते हुए कहा कि पिछड़ों, आदिवासियों, दलितों को गाली देना ठाकुर रमन सिंह और उनकी पार्टी की परंपरा रही है। छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दल अब त्यौहार के माध्यम से भी एक दूसरे पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं।
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत से संबंधित एक कथित वीडियो का हवाला देते हुए मंगलवार को कहा कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जानी चाहिए। पार्टी की नेता शोभा ओझा ने कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में एक वीडियो दिखाया और दावा किया कि राजपूत ने यह कहा है कि जिन मतदान केंद्रों पर भाजपा को ज्यादा वोट मिलेंगे, उनके प्रभारियों को 25-25 लाख रुपये दिए जाएंगे।
डबरा विधानसभा सी पर रिश्तेदार से इमरती देवी का मुकाबला - ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट से बीजेपी की प्रत्याशी इमरती देवी हैं। इमरती देवी पूर्व में मंत्री भी रह चुकी हैं। वह सिंधिया समर्थक हैं। इस बार उनका मुकाबला कांग्रेस विधायक सुरेश राजे से है। सुरेश राजे इमरती देवी के रिश्तेदार है। कहा जाता है कि इमरती देवी की भतीजी की शादी राजे के परिवार में हुई है।
टिमरनी में भी चाचा-भतीजे आमने सामने - इसी तरह से हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा सीट पर भी एक ही परिवार के दो सदस्य आमने सामने हैं। यहां बीजेपी ने मौजूदा विधायक संजय शाह को टिकट दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के अभिजीत शाह से है। अभिजीत शाह रिश्ते में संजय शाह के भतीजते हैं। वह दूसरी बार अपने चाचा के खिलाफ किस्मत आजमा रहे हैं।
देवतालाब विधानसभा सीट पर चाचा-भतीजे में फाइट - मध्य प्रदेश की रीवा जिले में देवतालाब विधानसभा सीट पर पद्मेश गौतम को चुनाव मैदान में उतारा है। इस सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी के विधायक और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम से हैं। गिरीश गौतम पद्मेश के चाचा हैं। पद्मेश गौतम ने इससे पहले पंचायत चुनाव में मौजूदा विधायक के बेटे राहुल गौतम को हराया था।
सागर विधानसभा सीट- सागर में बीजेपी ने मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन को टिकट दिया है। शैलेंद जैन का मुकाबला इस सीट पर अपने छोटे भाई सुनील जैन की पत्नी निधि जैन से हैं। सागर शहर में अब हर ओर यही चर्चा है कि निधि क्या अपने जेठ को हरा पाएंगी। सुनील जैन पूर्व में विधायक रह चुके हैं। वो कांग्रसे के टिकट पर देवरी सीट से चुनाव जीते थे।
नर्मदापुरम विधानसभा सीट- एमपी की इस सीट पर बीजेपी ने सीताशरण शर्मा को चुनाव मैदान में उतारा है। सीताशरण का मुकाबला कांग्रेस के जिस प्रत्याशी से है, वो कोई और नहीं बल्कि उनके भाई गिरिजाशंकर शर्मा है। गिरिजाशंकर शर्मा कुछ समय पहले तक बीजेपी में ही थे। उन्होंने हाल ही में कांग्रेस का दामन थामा है। उन्हें बीजेपी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था।
मध्यप्रदेश की बदनावर विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला इस बार बेहद दिलचस्प है जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के टिकट पर एक दूसरे को चुनौती दे रहे दो धुर प्रतिद्वन्द्वी तीसरी बार आमने सामने हैं, लेकिन इस बार उनकी पार्टियां बदली हुई हैं। यही वजह है कि इस सीट पर रोचक जुमला ‘‘उम्मीदवार वही, पर पार्टी नयी’ सुनाई पड़ रहा है। धार जिले की बदनावर विधानसभा सीट पर मुख्य चुनावी भिड़ंत राज्य की भाजपा सरकार के औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (51) और कांग्रेस नेता भंवर सिंह शेखावत (72) के बीच है। दोनों नेता राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और वे लगातार तीसरी बार इस सीट पर आमने-सामने हैं।
मध्य प्रदेश की सागर विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला दिलचस्प है क्योंकि यहां कांग्रेस की प्रत्याशी का मुकाबला अपने ही जेठ से हैं। कांग्रेस ने सागर विधानसभा सीट पर निधि सुनील जैन को टिकट दिया है। उनके खिलाफ बीजपी की तरफ से रण में मौजूदा विधायक शैलेंद्र जैन हैं। शैलेंद जैन सुनील जैन के बड़े भाई हैं। सुनील जैन देवरी से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने जा चुके हैं। इस बार यह परिवार सागर विधानसभा सीट से आमने-सामने है।
कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हम शुरू से भगवान हनुमान से कमलनाथ को सीएम बनाने के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। टिकट सर्वे के अनुसार नहीं बांटे गए। हम यहां कमलाथ से मिलकर हुजुर सीट से टिकट बदलने की मांग लेकर आए थे। हम हनुमान चालीसा का पाठ इसलिए कर रहे हैं ताकि कमलनाथ हमारी बात सुनें। उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दिया है, जो वेंटिलेटर पर है। अगर कांग्रेस प्रत्याशी अपना सबकुछ भी झोंक देते हैं तो यह प्रत्याशी नहीं जीतेगा। इसलिए हम चाहते हैं कि वे अपने फैसले पर फिर से विचार करें।
मध्य प्रदेश कांग्रेस को टिकट वितरण के बाद बड़े बवाल का सामना करना पड़ रहा है। मंगलवार को मध्य प्रदेश की हुजुर विधानसभा सीट के कार्यकर्ता प्रत्याशी बदलने की मांग लेकर कमलनाथ के घर पर पहुंचे। उन्होंने अपनी मांग की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया।
विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से भाजपा के वरिष्ठ नेता उमाशंकर गुप्ता (71) को सोमवार दोपहर दिल का दौरा पड़ा और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सोमवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
रुस्तम सिंह (78) ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा एक पत्र लिखा। सिंह ने पत्र में लिखा कि वह भाजपा की प्राथमिक सदस्यता और पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। सिंह के एक करीबी सूत्र ने दावा किया कि पार्टी ने उनके साथ ”उचित व्यवहार नहीं किया”।
पूरी खबर यहां पढ़ें : https://www.jansatta.com/elections/mp-assembly-polls-elections-2023-ex-minister-rustam-singh-resigns-bjp/3053677/
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि अगर राज्य में कांग्रेस सत्ता में आई तो किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री बघेल ने X पर पोस्ट कर कहा, ‘‘घोषणा! कांग्रेस के सत्ता में आते ही पूर्व की तरह इस बार भी हम किसानों का कर्ज माफ करेंगे।’’
चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दल कांग्रेस दोनों को अपने नेताओं से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कुछ दिनों में नाराज भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया है, यहां तक की केंद्रीय मंत्रियों का घेराव भी किया गया है। जबकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने वरिष्ठ नेताओं के पुतले जलाए हैं। चुनाव के वक्त में टिकट नहीं मिलने से नाराज नेताओं की बगावत दिखाई देना आम बात हो गई है। कुछ नेताओं को पार्टियां समझाने में कामयाब हो जाती हैं और कुछ निर्दलीय या दूसरी पार्टियों के सिंबल पर बागी होकर चुनावी मैदान में उतर जाते हैं।
तेलंगाना विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा के लिए कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 25 अक्टूबर को होने की संभावना है।