आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी को उत्तर पूर्वी राज्य असम में बड़ा झटका लगा है। दरअसल असम के तेजपुर से मौजूदा सांसद और पार्टी के पुराने नेताओं में शुमार किए जाने वाले राम प्रसाद सरमा ने शनिवार को भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद राम प्रसाद सरमा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर अपना दर्द साझा किया और आरोप लगाया कि भाजपा में नए घुसपैठिए आ गए हैं और इसके चलते पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की जा रही है। अपनी पोस्ट में राम प्रसाद सरमा ने लिखा कि आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद की 15 साल और भाजपा की 29 साल तक सेवा करने के बाद वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

अपनी फेसबुक पोस्ट में तेजपुर सांसद ने लिखा कि “मैंने आज भाजपा छोड़ दी। मुझे भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं के लिए दुख हो रहा है, जिन्हें पार्टी के नए घुसपैठियों के चलते उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है।” बता दें कि राम प्रसाद सरमा का नाम तेजपुर लोकसभा सीट के संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। असम सरकार में मंत्री और NEDA के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा का नाम ही तेजपुर सीट के लिए आगे किया गया है। राम प्रसाद सरमा के पार्टी छोड़ने के फैसले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। असम की 14 लोकसभा सीटों के लिए भाजपा शनिवार को अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर सकती है।

सरमा ने अपनी एक अन्य पोस्ट में कहा कि ‘मुझे काफी अपमान महसूस हो रहा है कि मेरा नाम, एक मौजूदा सांसद और असम गोरखा सम्मेलन के अध्यक्ष का नाम प्रदेश भाजपा कमेटी की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया।’ हालांकि सरमा ने कहा कि वह आगे भी अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों की सेवा करना आजीवन जारी रखेंगे। सरमा का आरोप है कि पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं ने, जिन्होंने दशकों तक संघर्ष किया और पार्टी को सत्ता में लेकर आए, अब उन्हीं की सबसे ज्यादा उपेक्षा की जा रही है और उनके साथ सही व्यवहार नहीं किया जा रहा है।