लोकसभा चुनाव होने में अब मात्र तीन-चार महीने ही रह गए हैं। ऐसे में राजनीतिक दलों के गठबंधनों और चुनावी कदमताल का दौर जारी है। दक्षिण में भी गैर कांग्रेसी, गैर भाजपाई फेडरल फ्रंट बनाने की कोशिशों में तेलंगाना की सीएम और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष के चंद्रशेखर राव जुटे हुए हैं। अब उन्होंने इस मुहिम में अपने बेटे केटी रामा राव के कंधों पर अहम जिम्मेदारी सौंपी है। इसी के तहत रामा राव ने बुधवार (16 जनवरी) को आंध्र प्रदेश के दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस राजशेखर रेड्डी के बेटे और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी से मुलाकात की। दोनों युवा नेताओं ने हैदराबाद स्थित बंजारा हिल्स में करीब दो घंटे तक गुप्त मैराथन मीटिंग की। माना जा रहा है कि इस दौरान केटी रामा राव ने जगनमोहन रेड्डी को फेडरल फ्रंट में शामिल होने का न्योता दिया है। केसीआर के फेडरल फ्रंट बनाने की घोषणा के बाद इन दोनों युवा नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात है।

बता दें कि तेलंगाना में विधान सभा चुनाव हो चुके हैं जबकि आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनावों के साथ ही विधान सभा चुनाव होने हैं। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) पहले ही कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुकी है। बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में केटीआर ने कहा कि जगनमोहन के साथ उनकी बातचीत शुरुआती दौर में है और इस दरम्यान हमने क्षेत्रीय दलों का एक फेडरल फ्रंट बनाने पर चर्चा की है। केटीआर ने कहा कि देश को मौजूदा राजनीति के तहत गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए ऐसे संघीय मोर्चे की सख्त जरूरत है जो कांग्रेस और भाजपा के विकल्प के तौर पर उभर कर आए।

केटीआर ने कहा, “पिछले कुछ महीनों से हमारी पार्टी के अध्यक्ष केसीआर ने इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए नवीन पटनायक, ममता बनर्जी सहित विभिन्न क्षेत्रीय दलों के नेताओं से मुलाकात की है और और अन्य लोगों से भी मिल रहे हैं। जल्द ही वह आंध्र प्रदेश में भी जगन मोहन के साथ विस्तृत चर्चा करेंगे और जगन को प्रस्तावित संघीय मोर्चे में शामिल होने के लिए आमंत्रित करेंगे।” केटीआर ने कहा कि उन्होंने आंध्र प्रदेश की राजनीतिक परिस्थितियों पर भी जगन से चर्चा की है और आगामी विधान सभा चुनावों के मद्देनजर राजनीतिक समीकरणों पर भी बातें की हैं। टीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर ने कहा कि राज्य में टीडीपी की सरकार उखाड़ फेंकने के लिए वो जगन को हर संभव मदद करने को तैयार हैं। बता दें कि तेलंगाना विधान सभा चुनाव में भी टीआरएस के खिलाफ टीडीपी और कांग्रेस ने गठबंधन किया था लेकिन टीआरएस की प्रचंड जीत हुई थी।