लोकसभा चुनाव से पहले तमाम राजनीतिक दल ज़ोरशोर से तैयारियों में जुट गए हैं। इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने रविवार को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस दौरान प्रत्याशियों के चयन और चुनाव प्रचार की साझा रणनीति पर विचार किया गया। वहीं, आज यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले अपना गठबंधन तय किया।

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “समाजवादी पार्टी ने सबसे पहले अपना गठबंधन तय किया। अपने उम्मीदवारों की घोषणा की, अपना अभियान शुरू किया। गठबंधन के साथ-साथ समाजवादी पार्टी को चुनाव जीतने की पहली खबर मिलेगी।” उन्होंने कहा, बीजेपी का नारा ‘सबका साथ सबका विश्वास’ सबसे बड़ा झूठ है। यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए है इसलिए एक तरफ लोग होंगे और दूसरी तरफ कुछ भाजपा कार्यकर्ता होंगे। भाजपा ‘400 पार’ नहीं कह रहे हैं बल्कि ‘400 हार’ रहे हैं।

बीजेपी के पास संसाधन बहुत ज्यादा

चुनावी बॉन्ड पर सपा अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर खुशी जताई। अखिलेश ने कहा, “बीजेपी के पास संसाधन बहुत ज्यादा है, जिससे लोकतंत्र प्रभावित होता है। मुझे खुशी है इस बात की सुप्रीम कोर्ट के माघ्यम से सूची आ जायेगी लेकिन क्या बीजेपी जनता को जानने देगी। बीजेपी की ताकत झूठ बोलना है। 2022 में हमने कम संसाधन में बीजेपी का मुकाबला किया जबकि बीजेपी के पास संसाधन बहुत है इससे लोकतंत्र प्रभावित होता है।”

यूपी एमएलसी चुनाव के लिए सपा प्रत्याशियों का नामांकन

वहीं, यूपी एमएलसी चुनाव के लिए नॉमिनेशन के आज आखिरी दिन पर समाजवादी पार्टी ने अपने तीनों प्रत्याशियों का ऐलान किया। जिसके बाद सपा से पूर्व मंत्री बलराम यादव, किरण पाल कश्यप और गुड्डू जमाली ने अखिलेश यादव की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया।

बसपा भी आएगी गठबंधन में?

दरअसल, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ कुछ अन्य दलों के आने की संभावना है। बीएसपी चीफ मायावती के भी गठबंधन में शामिल होने की अटकलें चल रही है। इस बीच सपा के सहयोगी और महान दल प्रमुख केशव देव मौर्य ने भी इन अटकलों को हवा दे दी है।

केशव देव मौर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “उत्तर प्रदेश मे अभी बहुत खेल बाकी है। बहन कुमारी मायावती जी को निराश हताश और खामोश समझने वालों को जल्द झटका लगेगा। बड़ा तूफान आने से पहले जैसे पूरी प्रकृति एकदम शांत हो जाती है उसी प्रकार उत्तर प्रदेश मे ये राजनैतिक खामोशी, बसपा के राजनैतिक तूफान आने के पहले की खामोशी है।”

हालांकि, बीएसपी चीफ ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि यूपी में बीएसपी के मज़बूती के साथ अकेले चुनाव लड़ने के कारण विरोधी लोग काफी बैचेन लगते हैं। ये आए दिन किस्म-किस्म की अफवाहें फैलाकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज के हित में बीएसपी का अकेले चुनाव लड़ने का फैसला अटल है।