शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चुनाव के बाद नई सरकार बनते ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उनके इस बयान पर हैदराबाद से सांसद और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीएम धामी लॉ कमीशन की रिपोर्ट पढ़ें। इसके अलावा उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए कहा कि बाबा को संविधान की जानकारी नहीं है।
समाचार चैनल एबीपी न्यूज से बात करते हुए हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सीएम धामी को लॉ कमीशन की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। लॉ कमीशन ने खुद कहा है कि भारत देश में यूनिफार्म सिविल कोड नहीं लागू कर सकते। वो ये बताएं कि क्या वे दयाभागा या मिताक्षरा स्कूल ऑफ़ थॉट को अपनाएंगे। वो ये भी बताएं कि क्या हिंदू अविभाजित परिवार को जो टैक्स छूट मिलती है वो दूसरों को दी जाएगी या नहीं?
इसके अलावा उन्होंने उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर कि देश शरीयत से नहीं बल्कि बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान से चलेगा पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बाबा जानते ही नहीं है कि संविधान हमें इस बात की इजाजत देता है। उनको कोई ज्ञान दे कि संविधान में हमें इस चीज की सहूलियत दी गई है। एक प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस तरह अनाप शनाप नहीं बोलना चाहिए।
बता दें कि शनिवार को उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आगामी नई भाजपा सरकार अपने शपथ ग्रहण के तुरंत बाद न्यायविदों, सेवानिवृत्त जजों, समाज के प्रबुद्धजनों और अन्य लोगों की एक कमेटी गठित करेगी जो उत्तराखंड राज्य के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करेगी। इस यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा विवाह, तलाक, जमीन जायदाद और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए समान कानून होगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों।
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा। उत्तराखंड में जल्द से जल्द यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने से राज्य के सभी नागरिकों को समान अधिकारों को बल मिलेगा।