तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने कुल नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। पार्टी के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी हमेशा अपने बयानों से राजनीतिक पारा गर्म किए रहते हैं, लेकिन सत्ता में उनकी हिस्सेदारी कहीं नहीं हो पा रही है। इस बार के चुनाव में पार्टी ने ऐलान किया था कि अगर केसीआर के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ बीआरएस को सरकार बनाने में कुछ सीटों की दिक्कत आती है तो उनकी पार्टी उनका समर्थन करेगी। यानी ओवैसी किंगमेकर बनने की कोशिश में हैं। लेकिन बीआरएस इस बार सत्ता से बाहर होती दिख रही है।

अब तक की मतगणना के हिसाब से तेलंगाना विधानसभा की कुल 119 सीटों में से बीआरएस केवल 37 सीटों पर ही बढ़त बनाए हुए है, जबकि कांग्रेस को 67 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने नौ उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उनमें से सात उम्मीदवार ही जीतते दिख रहे हैं।

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पार्टी पांच सीटों पर पीछे है। ऐसे में न तो ओवैसी का ही प्रभाव चल रहा है और न ही उनकी पार्टी के समर्थन की जरूरत ही पड़ रही है। अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो ओवैसी उनके समर्थन में आगे नहीं आएंगे।

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने जिन नौ सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, उनमें सात सीटें उनके संसदीय क्षेत्र हैदराबाद में आती हैं। ताजा रुझानों के मुताबिक एआईएमआईएम के उम्मीदवार चार सीटों मलकपेट, चारमीनार, चंद्रयानगुट्टा और बहादुरपुरा से ही बढ़त बनाए हुए हैं, बाकी सीटों पर उनके उम्मीदवार पीछे हैं। मलकपेट से अहमद बिन अब्दुल्लाह बलाला, चारमीनार से मीर जुल्फिकार अली, चंद्रयानगुट्टा से ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी और बहादुरपुरा से मोहम्मद मुबीन आगे हैं।