निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद चुनाव चिह्न ‘लोड’ करने की यूनिट (एसएलयू) के प्रबंधन और भंडारण के लिए नया दिशानिर्देश जारी किया है। न्यायालय ने आदेश दिया है कि एसएलयू को एक कंटेनर में सील व सुरक्षित किया जाए और चुनाव नतीजों की घोषणा के बाद कम से कम 45 दिन तक उसे ‘स्ट्रांग रूम’ में ईवीएम के साथ रखा जाए।
आयोग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एसएलयू के संचालन और भंडारण के लिए नए प्रोटोकाल (दिशानिर्देश) लागू करने की खातिर आवश्यक बुनियादी ढांचे और प्रावधान बनाने के निर्देश दिए गए हैं। सर्वोच्च अदालत ने पिछले शुक्रवार को चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवारों के अनुरोध पर एसएलयू को सील करके उनका भंडारण के निर्देश जारी किए थे।
इसके साथ ही उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम के ‘माइक्रोकंट्रोलर चिप’ के सत्यापन की मांग को स्वीकार कर लिया था। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नाम और उनके चुनाव चिह्न एसएलयू के जरिए वीवीपैट या पेपर ट्रेल मशीनों पर अपलोड किए जाते हैं।
परिणाम की घोषणा के बाद इन 45 दिन में, लोग किसी परिणाम को चुनौती देते हुए संबंधित उच्च न्यायालय में चुनाव याचिका दायर कर सकते हैं। याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा ईवीएम और वीवीपैट पर्चियां मंगाई जा सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले, एसएलयू को बीईएल या ईसीआईएल के इंजीनियरों द्वारा स्थानीय चुनाव अधिकारियों को सौंप दिया गया था।
मतदान के एक दिन बाद, एसएलयू दो सार्वजनिक क्षेत्र इकाइयों के इंजीनियरों को लौटा दिए गए जो एसएलयू के साथ मतपत्र इकाई, नियंत्रण इकाई और वीवीपीएटी का निर्माण करते हैं। कुछ साल पहले, एक फीचर जोड़ा गया था जिससे उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों को टीवी मॉनीटर पर प्रतीक लोड करने की प्रक्रिया देखने में मदद मिली। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए चुनाव में यह सुविधा जोड़ी गई थी।