कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में ऐलान किया कि वो केरल में वायनाड से भी चुनाव लड़ेंगे। यानी राहुल गांधी 2019 लोकसभा चुनाव में 2 सीटों से मैदान में उतरेंगे। कांग्रेस की सुरक्षित सीट मानी जाने वाली वायनाड से राहुल जल्द ही नामांकन भर सकते हैं। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब गांधी परिवार से कोई दक्षिण भारत की सीट से मैदान में उतर रहा हो।
केरल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नें संभाली जिम्मेदारी: ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने केरल से पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता ए के एंटनी को संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा करने की जिम्मेदारी दी है। इस बारे में एंटनी ने कहा- पिछले कई दिनों से केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु से कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता विनती कर रहे थे कि राहुल गांधी को उनके राज्य से चुनाव लड़ना चाहिए। ऐसे में राहुल से बातचीत में सामने आया कि कार्यकर्ताओं और जनता की विनती को ऐसे अनदेखा करना ठीक नहीं। जिसके बाद राहुल ने चुनाव के लिए अपनी सहमति दे दी।
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2004 से अमेठी सीट जीत रहे हैं राहुल गांधी: बता दें कि अमेठी सीट से लगातार 2004 से राहुल गांधी जीतते आ रहे हैं। हालांकि जीत का फासला कम होता जा रहा है। ऐसे में हाल ही में पीएम मोदी ने अमेठी में एक प्रोजेक्ट का उद्घाटन भी किया था। वहीं राहुल के सामने मैदान में स्मृति ईरानी होंगी।
दक्षिण भारत में गांधी परिवार: बता दें कि गांधी परिवार का दक्षिण भारत से चुनाव लड़ने का इतिहास रहा है। 1978 में इंदिरा गांधी ने कर्नाटक के चिकमंगलूर में उप चुनाव में जीत हासिल की थी। वहीं 1980 में कांग्रेस को दोबारा सत्ता में लाने में सफल हुई थीं। तब उनके खाते में आंध्र प्रदेश में मेडक और यूपी में रायबरेली सीट से चुनाव जीता था। इसके साथ ही 1999 में कर्नाटक के बेल्लारी मे सोनिया गांधी ने सुषमा स्वराज को पछाड़ कर अमेठी सीट जीती थी। हालांकि बाद में सोनिया ने बाद में बेल्लारी से रेसिगनेशन दे दिया था।
जानें वायनाड सीट का चुनावी गणित: दरअसल वायनाड में केरल में कांग्रेस का दबदबा माना जाता है। 2009 और 2014 में इस सीट की मदद से एम आई शाहनवाज ने करीब एक लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। वायनाड के राजनीतिक औ समाजिक समीकरण इसे कांग्रेस के लिए सुरक्षित बनाती है।

