Lok Sabha Election 2019: विभिन्न डीटीएच और केबल ऑपरेटरों द्वारा बिना लाइसेंस के टीवी चैनल NaMo टीवी के प्रसारण को लेकर चल रहे विवाद के बीच में namotv.com डोमेन के मालिक ने इसे बेचने की घोषणा की है। वेबसाइट पर दिए गए एक संदेश में लिखा है, “डोमेन की बिक्री हो रही है। जो भी इच्छुक लोग इस डोमेन को खरीदना चाहते हैं, वे paragjshah@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।” इस डोमेन का रजिस्ट्रेशन 4 अक्टूबर 2012 को हुआ था और फिर 9 सितंबर 2018 को इसे अपडेट किया गया। डोमेन का रजिस्ट्रेशन 4 अक्टूबर 2025 को समाप्त हो जाएगा।
बीटी की रिपोर्ट के अनुसार, नमोटीवी डॉट कॉम का रजिस्ट्रेशन ठीक उसी दिन हुआ था जिस दिन गुजराज भाजपा इकाई ने 5 स्थानीय गुजराती चैनल के साथ नमो टीवी लॉन्च करने के लिए 4 अक्टूबर 2012 को साझेदारी की थी। हालांकि, 5 अक्टूबर 2012 को इसे तुरंत बंद कर दिया गया था। उस समय, भाजपा प्रवक्ता भरत पांड्या ने कहा था, “मोदी के विरोधियों ने उन्हें नीचे दिखाने के लिए एक शानदार अभियान शुरू किया है ताकि हमें एक ऐसे चैनल की आवश्यकता महसूस हो जो सच्चाई को पेश करे। भाजपा कार्यकर्ताओं को आवाज दे और मुख्यमंत्री द्वारा अपनी मातृभूमि के लिए किए गए कार्यों को सामने लाए।”
चुनाव आयोग के सामने फंडिंग का मुद्दा उठने पर नमो टीवी लगभग एक हफ्ते के लिए ऑफ-एयर हो गया। हालांकि, अक्टूबर के तीसरे सप्ताह में फिर से यह ऑन एयर हो गया। उस समय, चुनाव आयोग ने कहा था कि नमो टीवी पर होने वाले खर्च को भाजपा खर्चे में शामिल किया जाएगा।
लोकसभा चुनाव 2019 के पहले यह चैनल एक बार फिर सामने आया और इस बार इसके ‘लोगो’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर है। यह चौबीसों घंटे पीएम के चुनाव भाषणों को प्रसारित करता है और उनकी सरकार के कार्यों का प्रचार करता है। भारत के लगभग सभी बड़े डीटीएच प्लेटफॉर्म पर इस चैनल का प्रसारण हो रहा है, जिसके पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से निर्गत लाइसेंस नहीं है। इस चैनल का नाम सूचना और प्रसारण मंत्रालय की वेबसाइट पर दर्ज अनुमति प्राप्त निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों की सूची में भी नहीं है। मंत्रालय ने कहा है कि यह एक बिना लाइसेंस वाला चैनल है और एक ‘विज्ञापन मंच’ है, जिसका खर्च भाजपा उठा रही है।
भाजपा और नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से चैनल के लॉन्च के बारे में ट्वीट भी किया था। मीडिया विशलेषण कंपनी क्रोम डीएम के अनुसार, दो दिनों में नमो टीवी ने 37 प्रतिशत की पहुंच हासिल कर ली, जो कि एनडीटीवी के 47 प्रतिशत पहुंच से थोड़ी कम है। यह पहली बार नहीं है जब भाजपा के प्रचार के लिए इस तरह का चैनल लॉन्च किया गया है। वर्ष 2007 में नरेंद्र मोदी के समय में गुजरात भाजपा ने चुनाव विशेष चैनल ‘वन्दे गुजरात’ लॉन्च किया था, जिसे चुनाव आयोग ने बंद करवा दिया था। हालांकि, इस बार आम आदमी पार्टी की शिकायत के बाद चुनाव आयोग ने नमो टीवी को लेकर स्पष्टीकरण मांगा है।