अमेरिका में एकबार फिर डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बन चुके हैं। उन्होंने अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाल लिया है। उनके राष्ट्रपति बनने के बाद पूरी दुनिया खासकर भारतीयों की नजर इस बात पर है कि उनका H1-B वीजा और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के प्रति क्या रूख रहता है? क्योंकि पिछले कुछ सालों में अमेरिका के अंदर विदेशी छात्रों के जाने की संख्या में कमी आई है और इसकी वजह है H1-B वीजा के मिलने में आने वाली कठिनाईयां। जी हां, हाल के कुछ सालों में इस वीजा के मिलने की जो दर है उसमें गिरावट आई है। अमेरिकी विदेश विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 के मुकाबले 2024 में भारतीयों को जारी किए गए F-1 छात्र वीजा में 38 प्रतिशत की गिरावट आई है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

मासिक गैर-आप्रवासी वीजा रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी और सितंबर 2024 के बीच 64,008 वीजा जारी किए गए थे। यह आंकड़ा 2023 में 1,03,495 था। हालांकि, नवीनतम ओपन डोर्स 2024 ने दिखाया कि भारतीयों ने अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में चीनियों को पीछे छोड़ दिया है। 2023-24 में, अमेरिका में 3.31 लाख भारतीय छात्र थे, जो इसकी 11 लाख की मजबूत अंतर्राष्ट्रीय छात्र आबादी का 29.4 प्रतिशत था। पिछले शैक्षणिक वर्ष में यह 25.4 प्रतिशत था।

पूरी दुनिया में पॉपुलर है ये वीजा

बता दें कि अधिकतर भारतीयों की विदेश में नौकरी करने की पहली पसंद अमेरिका ही होता है, लेकिन वहां जाने के लिए H-1B वीजा प्राप्त करना होता है जो कि कतई आसान काम नहीं। जी हां, अमेरिका में नौकरी करने के लिए बाहर के नागरिकों को H-1B वीजा लेना होता है। यह वीजा न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया में सबसे अधिक पॉपुलर है। इस वीजा को प्राप्त करने के बाद लाखों भारतीय अमेरिका में नौकरी कर रहे हैं।

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद क्या हो सकता है?

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद H1B वीजा मिलने के नियम थोड़े सख्त हो सकते हैं क्योंकि पेंसिल्वेनिया के लेह विश्वविद्यालय जैसे कुछ विश्वविद्यालयों ने परिसर में अन्य अंतरराष्ट्रीय छात्रों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों की समीक्षा शुरू की है और स्नातक प्रवेश के लिए शैक्षणिक प्रतिलेखों के तीसरे पक्ष के सत्यापन की संभावना तलाश रहे हैं। इसलिए, भारतीय छात्रों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि अमेरिका में स्टडी वीजा प्राप्त करने का प्रयास करते समय उन्हें कौन से दस्तावेज प्रस्तुत करने चाहिए।

दो टाइप का होता है US स्टडी वीजा

बता दें कि अमेरिका वीजा दो प्रकार का होता है। F और M।’एफ’ श्रेणी के वीजा का उपयोग विश्वविद्यालय या कॉलेज, हाई स्कूल, निजी प्राथमिक विद्यालय, सेमिनरी, कंजर्वेटरी, किसी अन्य शैक्षणिक संस्थान, जिसमें भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल है, के लिए किया जाता है। वहीं’एम’ श्रेणी के वीजा का उपयोग भाषा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अलावा व्यावसायिक या अन्य मान्यता प्राप्त गैर-शैक्षणिक संस्थान के लिए किया जाता है।

F-1 वीज़ा के लिए चाहिए ये दस्तावेज

अधिकांश अमेरिकी विश्वविद्यालय अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर आवेदन पत्र प्रदान करते हैं, जो भारतीय छात्रों के लिए पसंदीदा तरीका होना चाहिए। इस वीजा को प्राप्त करने के लिए स्टूडेंट को इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी।

— हाई स्कूल /या विश्वविद्यालय के सर्टिफिकेट

— स्टेटमेंट ऑफ पर्पस(SoP)

— Letter of Recommendation (LoR)

— एक छोटा CV/ बायोडाटा, या अनुभव प्रमाण पत्र (विशेषकर यदि आपने किसी कॉर्पोरेट कंपनी में काम किया है)

— कुछ विश्वविद्यालय GRE, GMAT, MCAT, LSAT जैसे मानकीकृत परीक्षणों के लिए कहते हैं।

— एक अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ अंग्रेजी आवश्यकता परीक्षण हैं जैसे IELTS अकादमिक, PTE (पियरसन टेस्ट ऑफ़ इंग्लिश) अकादमिक, C1 एडवांस्ड (कैम्ब्रिज इंग्लिश एडवांस्ड), TOEFL iBT, या डुओलिंगो।

— कभी-कभी विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम की प्रकृति के आधार पर लेखन नमूने भी मांगते हैं।

— कुछ विश्वविद्यालय आवेदन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में विभिन्न दस्तावेज़ (लेखन नमूने, पोर्टफोलियो, पेटेंट की सूची) भी मांगेंगे।

F-1 वीज़ा के लिए आवेदन कैसे करें

स्टडी वीजा के लिए आवेदन करने के लिए कई चरण हैं। इन चरणों का क्रम और उन्हें पूरा करने का तरीका अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। सबसे पहले छात्र को ऑनलाइन वीजा आवेदन (ऑनलाइन गैर-आप्रवासी वीज़ा आवेदन) पूरा करना होगा। फ़ोटो अपलोड करनी होगी और फिर वाणिज्य दूतावास के साथ साक्षात्कार शेड्यूल करना होगा। वीज़ा आवेदकों को आम तौर पर साक्षात्कार की आवश्यकता होती है।

नए छात्रों के लिए छात्र (F और M) वीज़ा अध्ययन के पाठ्यक्रम की शुरुआत की तारीख से 365 दिन पहले तक जारी किए जा सकते हैं। हालांकि छात्र को शुरू होने की तारीख से 30 दिन से अधिक पहले छात्र वीजा पर संयुक्त राज्य में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

दूसरी ओर, जारी रखने वाले छात्रों के लिए वीज़ा किसी भी समय जारी किया जा सकता है, जब तक कि छात्र वर्तमान में SEVP-अनुमोदित स्कूल या संस्थान और SEVIS में नामांकित हो। जारी रखने वाले छात्र कक्षाएँ शुरू होने से पहले किसी भी समय संयुक्त राज्य में प्रवेश कर सकते हैं।

कैसे प्राप्त कर सकते हैं H-1B वीजा? जानें स्टेप बाय स्टेप

इस वीजा को प्राप्त करने के लिए सबसे जरूरी और अहम स्टेप ये है कि आपको कोई ऐसी कंपनी ढूंढनी होती है जो आपको स्पॉन्सर करे। इसका मतलब है कि वह कंपनी आपको अमेरिका से इन्वीटेशन भेजेगी तभी आप उसके आधार पर इस वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।

अमेरिका से किसी कंपनी का इन्वीटेशन आने के बाद वह कंपनी का एक ‘लेबर कंडीशन एप्लीकेशन’ प्रोसेस होता है वह नौकरी प्राप्त करने वाले उम्मीदवार को पूरा करना होता है। इसके बाद उस आवेदन को US Department of Labour में जमा कराना होता है। इस दस्तावेज के जरिए ही कंपनी आपको सैलरी ऑफर करेगी। इस एप्लीकेशन के स्वीकार होने से पहले कई और कानूनी आवश्यकताएं आपको पूरी करनी होती है।
इसके बाद अगला स्टेप किसी इलाके में नौकरी के लिए मिलने वाली औसत सैलरी के बारे में ‘प्रिवेलिंग वेज’ के जरिए पता करना होता है। इससे ये सुनिश्चित होता है कि H-1B वीजा होल्डर को कम सैलरी नहीं मिले। आपकी कंपनी को स्टेट एम्प्लॉयमेंट एजेंसी से प्रिवेलिंग वेज के बारे में पता करना होगा।

LCA प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपकी कंपनी फॉर्म I-129, जिसे ‘पिटीशन फॉर नॉनइमिग्रेंट वर्कर’ भी कहते हैं, भरकर आपकी H-1B पिटीशन जमा करेगी। इस फॉर्म के साथ एक एम्प्लॉयमेंट लेटर भी लगाना जरूरी है, जिसमें नौकरी की पूरी जानकारी, सैलरी, ज़िम्मेदारियां और कॉन्टैक्ट डिटेल्स होनी चाहिए। इसके साथ कैंडिडेट के एकेडमिक दस्तावेज भी लगते हैं। साथ ही ट्रेनिंग सर्टिफिकेट्स, रेज्यूमे और रेकमेंडेशन लेटर जैसे सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट्स भी लगाने होंगे। इसके बाद, आप USCIS वेबसाइट पर अपने एप्लीकेशन का स्टेटस चेक कर सकते हैं।

अगर I-129 फॉर्म अप्रूव हो जाएगा तो आपको फॉर्म I-797, ‘नोटिस ऑफ एक्शन’ मिलेगा।
अब आगे की प्रक्रिया इस पर निर्भर करेगी कि आप अमेरिका में हैं या नहीं। अगर आप पहले से ही अमेरिका में हैं, तो आपका स्टेटस अपने आप H-1B में बदल जाएगा। USCIS का अपडेट भी कुछ दिनों में रिफलेक्ट होने लगेगा। जब तक स्टेटस चेंज नहीं हो जाता है, तब तक कहीं भी काम करने से बचें। H-1B वीजा स्टैम्प पाने के लिए, आपको DS-160 फॉर्म भरना होगा और काम शुरू करने से 90 दिन पहले वीजा स्टैम्पिंग अपॉइंटमेंट लेना होगा। यह उन लोगों के लिए है जिनके पास पहले से ही कोई नॉनइमिग्रेंट वीजा है, जैसे O-1, J-1, या L-1।

अगर आप अमेरिका से बाहर हैं तो आपको DS-160 फॉर्म भरना होगा। अपने देश में अमेरिकी दूतावास या कॉन्सुलेट में इंटरव्यू भी देना होगा। फॉर्म I-129 अप्रूव होने के बाद आपको अपने देश के अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में एक गैर-आप्रवासी वीजा एप्लिकेशन जमा करना होगा।