रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रह चुके उर्जित रविंद्र पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का नया एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति के लिए भारत सरकार की ओर से अनुमति भी मिल रही है। बता दें कि उर्जित पटेल ने 1990 में अपने करियर की शुरुआत भी IMF से ही की थी। 1900 से 1995 तक उन्होंने IMF में भारत, अमेरिका बहामास और म्यांमार डेस्क पर काम किया था।
कितने पढ़े-लिखे हैं उर्जित रविंद्र पटेल?
पूर्व आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की एजुकेशन की बात करें तो उन्होंने दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई की है। उन्होंने 1984 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन पूरी की थी। इसके बाद 1986 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.फिल. की डिग्री हासिल की। इसके बाद अमेरिका की प्रतिष्ठित येल यूनिवर्सिटी से 1990 में अर्थशास्त्र में पीएचडी पूरी की। 2009 से उर्जित पटेल वाशिंगटन स्थित ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूशन में नॉन-रेजिडेंट सीनियर फेलो के रूप में भी जुड़े हुए हैं।
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उर्जित पटेल का करियर
RBI के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल ने IMF के साथ ही अपने करियर की शुरुआत की थी। 1900 से 1995 तक उन्होंने IMF में भारत, अमेरिका बहामास और म्यांमार डेस्क पर काम किया था।
1996-97 में उन्होंने IMF से डेप्यूटेशन पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में काम किया।
1998 से 2001 तक उन्होंने भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में काम किया।
इसके बाद 2000 से 2004 तक वह डायरेक्ट टैक्स, कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया, टास्क फोर्स ऑन इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी हाई लेवल कमिटियों में काम किया।
2013 से 2016 तक वह आरबीआई के डिप्टी गवर्नर रहे।
2016 से 2018 तक आरबीआई के गवर्नर रहे।
IMF में उनकी जिम्मेदारी है खास
IMF दुनिया की सबसे अहम वित्तीय संस्थाओं में से एक है, जिसका काम सदस्य देशों की आर्थिक नीतियों पर सलाह देना और जरूरत पड़ने पर उन्हें वित्तीय मदद उपलब्ध कराना है। IMF में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस पद पर बैठा व्यक्ति न केवल भारत बल्कि कई अन्य देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करता है। इस पद पर रहकर उर्जित पटेल भारत का वैश्विक मंच पर प्रतिनिधित्व करेंगे।