UPSC Success Story in Hindi: भारत की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में से एक, यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास करना कई अभ्यर्थियों का सपना होता है। सिर्फ युवा ही नहीं, माता-पिता भी चाहते हैं कि उनके बच्चे इस क्षेत्र में जाएं और देश की सेवा करें। ऐसी ही कहानी है राजस्थान के दो डॉक्टर भाइयों की जिन्होंने एक साथ यूपीएससी एग्जाम पास किया और अपने माता पिता का सपना साकार किया।
कृष्णकांत कांवड़िया और राहुल कांवड़िया मूल रूप से राजस्थान के नागौर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता हीरालाल एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य हैं और मां गृहणी हैं। कृष्णकांत और राहुल की मां खुद तो पढ़ी लिखी नहीं थीं लेकिन उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। वह चाहती थीं कि उनके बच्चे बड़े होकर अधिकारी बनें।
बिना कोचिंग की तैयारी
दोनों भाइयों ने गांव के सरकारी स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की है। इसके बाद कृष्णकांत और राहुल कोटा में एमबीबीएस की पढ़ाई करके डॉक्टर बनें और फिर दिल्ली आ गए। यहां उन्होंने एक साथ सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। जहां अभ्यर्थी यूपीएससी एग्जाम क्लियर करने के लिए तरह-तरह की कोचिंग करते हैं, वहीं इन दो भाइयों ने सेल्फ स्टडी करने का फैसला किया।
एक साथ पाई कामयाबी
दोनों भाइयों ने यूपीएससी एग्जाम 2021 में अपनी मां के सपने को साकार कर दिखाया। कृष्णकांत ने सिविल सेवा परीक्षा के चौथे अटेम्प्ट में 382वीं रैंक और राहुल ने दूसरे अटेम्प्ट में 536वीं रैंक हासिल की थी। उनका मानना है कि इस कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने के लिए सिलेबस पूरा करने के साथ ही रिवीजन भी करते रहना चाहिए।