UPSC Success Story in Hindi: सिविल सेवा में जाने का सपना लोग बचपन से ही देखने लगते हैं। हालांकि, कई बार समय के साथ यह सपना भी बदल जाता है। वहीं, कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पढ़ाई में औसत होने के बावजूद भी यूपीएससी एग्जाम देने का मन बनाते हैं और कामयाबी हासिल करते हैं। ऐसी ही कहानी है नेहा नौटियाल की जिन्होंने सपना तो टीचर बनने का देखा था लेकिन बाद में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी।
नेहा नौटियाल मूल रूप से उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली हैं। उनके पिता पीके नौटियाल पोस्ट ऑफिस में कार्यरत थे और मां एक गृहणी हैं। नेहा की शुरुआती पढ़ाई लिखाई उत्तराखंड से ही हुई है। इसके बाद उन्होंने अजमेर से 4 वर्षीय बीएससी बीएड की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने जूलॉजी से एमएससी भी किया है। इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में 9 महीने तक काम किया।
Neha Nautiyal Success Story: टीचर बनने का था सपना
नेहा शुरुआत में तो एक टीचर बनना चाहती थीं लेकिन पोस्ट ग्रेजुएशन के दौरान उनके मन में सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने का ख्याल आया और फिर उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी। कुछ दिन तक नेहा ने नौकरी के साथ ही पढ़ाई की लेकिन बाद में उन्होंने नौकरी छोड़ने का फैसला कर लिया। हालांकि, यूपीएससी एग्जाम के पहले अटेम्प्ट में उनका चयन नहीं हुआ। इसके बावजूद भी उन्होंने बिना हार माने अपनी तैयारी जारी रखी। कठिन परिश्रम और लगन के चलते साल 2011 में यूपीएससी के दूसरे प्रयास में ही नेहा ने 185वीं रैंक प्राप्त कर ली। उनका चयन आईपीएस के लिए हो गया था लेकिन उन्होंने आईआरएस चुना।
UPSC Success Story: क्या है नेहा की सलाह
नेहा इस कामयाबी का श्रेय अपने माता पिता को देती हैं, जिन्होंने हर कदम पर उनका साथ निभाया। नेहा का कहना है कि हम हमेशा बेहतर भविष्य की कल्पना करते हैं लेकिन इस सपने को साकार करने के लिए सही दिशा में प्रयास करना भी बेहद आवश्यक है। उनका मानना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के दौरान अभ्यर्थियों को रिवीजन पर ज्यादा फोकस करना चाहिए। इससे हर टॉपिक पर आपकी अच्छी पकड़ बनती है।