दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी आगामी सत्र से एक साथ दो डिग्री कर सकेंगे। वे नियमित डिग्री के साथ आनलाइन माध्यम से दूसरी डिग्री ओपन लर्निंग से ले सकेंगे। हालांकि उनके मुख्य विषय का अलग अलग होना जरूरी है। सामान्य विषय एक रह सकते हैं। कोविड में जिनका सेमेस्टर अधूरा हो गया था, उन्हें मौका दिया गया है।

ऐसे छात्रों को पहले से लागू किसी भी ग्रेस मार्क के अलावा एक बचे हुए पेपर के लिए अधिकतम 10 अंकों की सीमा तक विशेष छूट दी जाएगी। इसके साथ ही वो डीयू में पार्ट टाइम पीएचडी भी कर सकेंगे। दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद (एसी) की 1016वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस प्रस्ताव को आगामी कार्यकारी परिषद की बैठक में पास होने के बाद अगले साल से लागू कर दिया जाएगा और उसके बाद छात्र इसका लाभ उठा सकेंगे।

इन छात्रों को मिलेगा ये मौका

जो छात्र कोविड-19 की वजह से अपनी डिग्री पूरी नहीं कर पाए या परीक्षा में नहीं बैठ सके, दिल्ली विश्वविद्यालय उन छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने का एक विशेष मौका देगी। डीयू के विभागों और केंद्रों के शिक्षकों के लिए पदोन्नति दिशानिर्देश भी कुछ संशोधनों के साथ स्वीकार किए गए। इसके अलावा स्रातक व परास्रातक में आरक्षित सीटों पर नामांकित अनाथ छात्रों की ट्यूशन और छात्रावास शुल्क पूरी तरह से माफ करने का प्रावधान किया गया है।

हिंदी पर जोर

स्रातक पाठ्यक्रम रूपरेखा (यूजीसीएफ) -2022 के अनुसार विभिन्न विभागों के कुछ पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दी गई। जिन छात्रों ने कक्षा 8 तक हिंदी नहीं पढ़ी है, उनके लिए हिंदी विभाग के अंतर्गत हिंदी ईएल (सेमेस्टर-एक/दो में प्रस्तावित) नामक योग्यता वृद्धि पाठ्यक्रम को भी मंजूरी दी गई।

विश्व स्तर पर डीयू ने 220वां स्थान हासिल किया

‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग : सस्टेनेबिलिटी 2024’ में भारत की दिल्ली यूनिवर्सिटी ने टाप 300 में जगह बनाई है। विश्व स्तर पर डीयू ने 220वां स्थान हासिल किया है, जो भारत में सर्वश्रेष्ठ है। वहीं, टाप 400 में डीयू के अलावा आइआइटी के चार संस्थान शामिल हैं। इस बार सूची में 95 देशों के 1397 संस्थानों को शामिल किया गया है, जो पिछले साल से करीब दोगुने हैं।

डीयू की पहल, अनाथ छात्रों के मुफ्त प्रवेश के लिए खास व्यवस्था

दिल्ली विश्वविद्यालय में एक अनूठी पहल शुरू की है। डीयू ने ऐसे छात्रों के दाखिले के लिए खास व्यवस्था की है, जिनके माता-पिता नहीं हैं। दिल्‍ली श्वविद्यालय में अनाथ छात्रों की मुफ्त पढ़ाई के लिए हर विभाग और कोर्स में सीटें आरक्षित की गई हैं। ये व्यवस्था अगले अकादमिक सत्र से लागू होगी। इसके तहत उन्हें यूजी और पीजी में कुछ सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। इस कोटा के तहत जिनका प्रवेश होगा, उन्हें किसी प्रकार की फीस नहीं देनी होगी। ये अभ्यर्थी छात्रावास, परीक्षा शुल्क और बाकी जरूरी शुल्क नहीं देंगे। इनकी पढ़ाई में जो भी खर्च आएगा वो यूनिवर्सिटी वेलफेयर फंड या कालेज स्टूडेंट्स वेलफेयर फंड से लिया जाएगा।