नीट यूजी पेपर लीक मामले को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान राजनीतिक और कानूनी दलीलों को सुना और पूरी कार्रवाई के दौरान पेपर के एक सवाल को संदेह किया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक सवाल चर्चा का केंद्र बना जिसके कथित तौर पर 2 सही ऑप्शन थे। यह सवाल इसलिए चर्चा का विषय बना क्योंकि उसके दोनों ही ऑप्शन सही थे और जिस किसी स्टूडेंट ने भी वो ऑप्शन चुने उन्हें मार्क्स मिले।

फिजिक्स से आया था वह सवाल

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान नीट यूजी पेपर का जो सवाल चर्चा का विषय बना वह फिजिक्स विषय से था और उस सवाल में परमाणु से जुड़ा कुछ पूछा गया था। सवाल में Atom (परमाणु) को लेकर पूछा गया था। यह सवाल सेट T3 में सवाल नंबर-23 था, सेट T1 में सवाल नंबर 25, सेट S1 में सवाल नंबर 20, सेट R1 में सवाल नंबर 12 और सेट R3 में सवाल नंबर 24 था।

क्या कहा सर्वोच्च न्यायालय ने?

सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल पर बोलते हुए कहा, “इस क्वेश्चन के लिए 44 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए। इससे 4.2 लाख छात्रों को नुकसान हुआ है। लिहाजा इस सवाल पर IIT दिल्ली के एक्सपर्ट्स की राय लेनी चाहिए।” बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिक्रिया NEET गड़बड़ी के मामले में 40 से ज्यादा याचिकाओं पर चल रही सुनवाई के दौरान दी। इन याचिकाओं पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर रही है।

यह था वह सवाल

पहला स्टेटमेंट- परमाणु विद्युत रूप से न्यूट्रल होते हैं, क्योंकि उनमें पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज की संख्या बराबर होती है।

दूसरा स्टेटमेंट- प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।

इस सवाल के जवाब के लिए 2 ऑप्शन दिए गए थे।

ऑप्शन 1- पहला स्टेटमेंट सही है, लेकिन दूसरा गलत है।
ऑप्शन 2-पहला स्टेटमेंट गलत है और दूसरा सही है।

याचिकाकर्ता की क्या है दलील?

इस सवाल में दोनों ही स्टेटमेंट सही थे। ऐसे में जो ऑप्शन दिए गए उन्होंने कंफ्यूजन पैदा की, लेकिन एग्जाम में गलत आंसर के लिए नेगेटिव मार्किंग भी थी। इसका नतीजा ये हुआ कि ‘गलत’ ऑप्शन चुनने वाले 44 छात्रों को ‘ग्रेस मार्क्स’ दिए गए और उन्हें 720/720 अंक मिले। याचिकाकर्ता ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया। मतलब उन्होंने इस सवाल को छोड़ दिया। इसलिए उन्हें 720 में से 711 मार्क्स मिले।