मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के नीट यूजी परीक्षा दोबारा कराने से इनकार वाले फैसले के खिलाफ इंदौर और उज्जैन के छात्र सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं और उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से नीट यूजी परीक्षा दोबारा आयोजित कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने छात्रों की याचिका को स्वीकार कर लिया है और सुनवाई का समय अगले हफ्ते का रखा है।

याचिका में क्या की गई है मांग?

अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट इंदौर और उज्जैन स्थित परीक्षा केंद्रों पर कथित तौर पर बिजली कटौती का सामना करने वाले उम्मीदवारों के लिए NEET UG 2025 की दोबारा परीक्षा कराने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। इस याचिका में मांग की गई है कि परीक्षा को उन सेंटर्स पर रद्द करके दोबारा आयोजित कराया जाए जहां बिजली कटौती के बाद मोमबत्ती में परीक्षा कराई गई थी।

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हाईकोर्ट ने क्या किया था?

यह याचिका मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के एक हालिया आदेश को चुनौती देती है, जिसने इसी तरह की एक याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मांग की गई थी कि इंदौर और उज्जैन के उन सेंटर्स पर यह परीक्षा दोबारा आयोजित कराई जाए जहां बिजली कटौती हुई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया था और नीट यूजी परीक्षा परिणामों की घोषणा पर रोक लगा दी थी।

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि यह पूरा मामला 4 मई को आयोजित हुई नीट यूजी की परीक्षा को लेकर है। इस परीक्षा में इंदौर के 12 से ज्यादा एग्जाम सेंटर में लाइट चली गई थी, जिससे स्टूडेंट्स को एग्जाम में काफी परेशानी हुई, इतना ही नहीं इमरजेंसी लाइट के तौर पर 4.30 बजे मोमबत्तियों की व्यवस्था की गई थी। उसमें भी पेपर खत्म होने के 30 मिनट पहले ये किया गया था। ऐसे में स्टूडेंट्स का कहना है कि जो प्रश्न के आंसर आते भी थे तब भी वह आंसर नहीं दे पाएं, जिससे उनका असर रिजल्ट पर पड़ेगा।