नीट सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दिया। बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय में NEET SS 2024 को रद्द करने की एक जनहित याचिका दायर हुई थी। यह याचिका राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के द्वारा दाखिल हुई थी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए परीक्षा आयोजित नहीं कराने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
क्या कहा बेंच ने अपने आदेश में?
बेंच ने कहा कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा परीक्षा स्थगित करने का निर्णय मनमाना नहीं था और यह शैक्षणिक नीति के अनुरूप था। न्यायालय ने कहा, “एनएमसी का निर्णय न्यायसंगत है और इसे मनमाना नहीं कहा जा सकता है, जिसके लिए इस न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़े। न्यायालय एनएमसी द्वारा विकसित शैक्षणिक नीति के अनुसार चलेगा और इसलिए हम इन याचिकाओं पर विचार नहीं करते।”
कोर्ट ने 30 दिन के भीतर परीक्षा तिथि जारी करने को कहा
सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले के दौरान छात्रों के सामने आने वाली अनिश्चितता को ध्यान में रखते हुए एनएमसी को 30 दिनों के भीतर परीक्षा तिथि अधिसूचित करने और जनवरी में 2021 का एनईईटी पीजी पाठ्यक्रम समाप्त होते ही परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया।
कोर्ट ने कहा, “एनएमसी को एनईईटी एसएस 2024 परीक्षा आयोजित करने के लिए जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए, क्योंकि छात्रों को निश्चितता होनी चाहिए और इस तिथि को 30 दिनों के भीतर अधिसूचित किया जाना चाहिए और 2021 का एनईईटी पीजी पाठ्यक्रम समाप्त होते ही परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।”
याचिकाकर्ता के वकील ने रखी एक समस्या
बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने एक दलील में कहा कि परीक्षा अगस्त में होनी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि अगर NEET SS 2024 में देरी होती है, तो अगले साल परीक्षा दो बार आयोजित करनी होगी। याचिकाकर्ता ने आगे बताया कि हर साल NEET SS परीक्षा में भाग लेने वाले केवल 40 प्रतिशत प्रतिभागी पिछले स्नातक बैच से होते हैं और शेष 60 प्रतिशत ऐसे उम्मीदवार होते हैं जिन्होंने पहले ही अपनी स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त कर ली है।