NEET UG 2024 dispute Supreme Court CJI DY Chandrachud Says no re-examination: नीट यूजी मामले पर दिए अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने से किया इनकार कर दिया।
कोर्ट ने कहा, नीट-यूजी 2024 में हजारीबाग और पटना में प्रश्न पत्र लीक हुआ, यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है। कोर्ट ने आगे कहा कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए सामग्री का अभाव है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी हुई है या इसमें व्यवस्थागत खामी है।
कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में मौजूद आंकड़े नीट-यूजी 2024 के प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देते हैं। कोर्ट ने आगे यह भी कहा कि उसके द्वारा स्थापित सिद्धांतों के आधार पर पूरी नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने का आदेश न्यायोचित नहीं होगा।
नीट पेपर लीक का रिकॉर्ड नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रश्नपत्र के व्यवस्थित रूप से लीक होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है। सीजेई डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित विभिन्न वकीलों की दलीलें करीब चार दिनों तक सुनीं।
पटना नीट पेपर लीक विवाद का विषय नहीं
पीठ ने 20 लाख से अधिक छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फैसले के प्रभावी हिस्से को लिखा और कहा कि विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जाएगा। सीजीआई ने कहा, “यह निष्कर्ष निकालने के लिए कोई सामग्री नहीं है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के नतीजों में गड़बड़ी हुई है या इसमें प्रणालीगत उल्लंघन है।” हालांकि, पीठ ने कहा कि पेपर लीक की घटना हजारीबाग और पटना में हुई थी- यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है।
एनटीए और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय पांच मई को आयोजित परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर निशाने पर है। एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल संबंधी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) आयोजित करती है। पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23.33 लाख छात्रों ने नीट-यूजी 2024 परीक्षा दी थी। इनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे।