Margherita Hack (मार्गेरिटा हैक) Google Doodle: Google ने आज इटेलियन प्रोफेसर, लेखर और खगोल भौतिकीविद् मार्गेरिटा “द लेडी ऑफ़ द स्टार्स” हैक के 99वें जन्मदिन पर डूडल बना कर सम्मानित किया है। मार्गेरिटा हैक का जन्म आज ही के दिन 1922 में फ्लोरेंस में हुआ था। फिजिक्स की पढ़ाई करने से पहले उन्होंने विश्वविद्यालय में सिर्फ एक साहित्य की क्लास ली थी। वे 1964 से 1 नवंबर 1992 तक ट्राएस्टे विश्वविद्यालय में खगोल विज्ञान की प्रोफेसर थीं। वह ट्राइस्टे एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी की पहली महिला निदेशक भी बनीं। आज का Google Doodle में हैक को कुर्सी पर बैठकर उसकी दूरबीन में देखते हुए दिखाया गया है। एनिमेटेड डूडल में क्षुद्रग्रह 8558 को घूमते हुए देखा जा सकता है। हैक को 1995 में क्षुद्रग्रह 8558 हैक की खोज करने का श्रेय दिया जाता है जिसे उनके सम्मान में नामित किया गया था।
मार्गेरिटा हैक ने 19 फरवरी 1944 को आर्सेट्री में सैन लियोनार्डो के चर्च में एल्डो डी रोजा से शादी की। डी रोजा उनके बचपन के सहपाठियों में से एक थे। उन्हें कई किताब लिखी जिनमें से शाकाहार को लेकर लिखी किताब जिसका शीर्षक था पेर्चे सोनो वेजिटेरियन (व्हाई आई एम ए वेजिटेरियन) थी; उन्होंने ला मिया वीटा इन बाइसिकलेट (साइकिल पर मेरा जीवन) नामक एक पुस्तक भी लिखी। हैक की 29 जून 2013 को मृत्यु हो गई। उनके 90वें जन्मदिन पर, इतालवी सरकार ने हैक को उसके सर्वोच्च पुरस्कार – दामा डि ग्रान क्रोस की उपाधि से सम्मानित किया।
मार्गरिटा हैक का 1974 में कोपरनिकस के डेटा पर आधारित उनका पहला शोध लेख नेचर में प्रकाशित हुआ था। 1994 में, उन्हें उनके वैज्ञानिक शोध के लिए टार्गा ग्यूसेप पियाज़ी से सम्मानित किया गया था।
विज्ञान के अलावा, वह शिक्षा और राजनीति में भी सक्रिय रूप से शामिल थीं। कोपरनिकस के डेटा पर आधारित उनका पहला रिसर्च ऑर्टिकल 1974 में नेचर में प्रकाशित हुआ था।
उनके 90वें जन्मदिन पर, इतालवी सरकार ने हैक को उसके सर्वोच्च पुरस्कार - दामा डि ग्रान क्रोस की उपाधि से सम्मानित किया।
आज का Google Doodle में हैक को कुर्सी पर बैठकर उसकी दूरबीन में देखते हुए दिखाया गया है। एनिमेटेड डूडल में क्षुद्रग्रह 8558 को घूमते हुए देखा जा सकता है। हैक को 1995 में क्षुद्रग्रह 8558 हैक की खोज करने का श्रेय दिया जाता है जिसे उनके सम्मान में नामित किया गया था
उनके 90वें जन्मदिन पर, इतालवी सरकार ने हैक को उसके सर्वोच्च पुरस्कार - दामा डि ग्रान क्रोस की उपाधि से सम्मानित किया।
मार्गरिटा हैक, जिसे 'द लेडी ऑफ द स्टार्स' के नाम से जाना जाता है, को आम जनता के लिए जटिल वैज्ञानिक कान्सेरप्ट्स को आसान तरीके से समझाने की उनकी क्षमता के लिए जानी जाती थीं।
मार्गेरिटा हैक ने 19 फरवरी 1944 को आर्सेट्री में सैन लियोनार्डो के चर्च में एल्डो डी रोजा से शादी की। डी रोजा उनके बचपन के सहपाठियों में से एक थे। 29 जून, 2013 को 91 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।
1994 में, उन्हें उनके वैज्ञानिक शोध के लिए टार्गा ग्यूसेप पियाज़ी से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1995 में वैज्ञानिक प्रसार के लिए कॉर्टिना उलिसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
आज का Google Doodle में हैक को कुर्सी पर बैठकर उसकी दूरबीन में देखते हुए दिखाया गया है। एनिमेटेड डूडल में क्षुद्रग्रह 8558 को घूमते हुए देखा जा सकता है। हैक को 1995 में क्षुद्रग्रह 8558 हैक की खोज करने का श्रेय दिया जाता है जिसे उनके सम्मान में नामित किया गया था
विज्ञान के अलावा, वह शिक्षा और राजनीति में भी सक्रिय रूप से शामिल थीं। कोपरनिकस के डेटा पर आधारित उनका पहला रिसर्च ऑर्टिकल 1974 में नेचर में प्रकाशित हुआ था।
उनके 90वें जन्मदिन पर, इतालवी सरकार ने हैक को उसके सर्वोच्च पुरस्कार - दामा डि ग्रान क्रोस की उपाधि से सम्मानित किया।
हैक 1964 में ट्राइस्टे चली गई जहां उन्होंने शहर के विश्वविद्यालय में प्रोफेसरशिप अर्जित करने वाली पहली इतालवी महिला के रूप में इतिहास रचा। वह ट्राइस्टे एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जर्वेटरी की पहली महिला निदेशक भी बनीं।
हैक का जन्म 12 जून, 1922 को फ्लोरेंस में हुआ था। उन्होंने साहित्य में सिर्फ एक विश्वविद्यालय की कक्षा ली जिसके बाद उन्होंने अपनी पढ़ाई को भौतिकी में बदल दिया। एस्ट्रोफिजिक्स में उनकी ग्रेजुएशन थीसिस आर्केट्री ऑब्जर्वेटरी में उनके अध्ययन के आधार पर सेफिड वेरिएबल्स पर थी।
1994 में, उन्हें उनके वैज्ञानिक शोध के लिए टार्गा ग्यूसेप पियाज़ी से सम्मानित किया गया था। उन्हें 1995 में वैज्ञानिक प्रसार के लिए कॉर्टिना उलिसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
हैक के वैज्ञानिक हितों और अनुसंधान गतिविधि में विषयों की एक लंबी लिस्ट है। उनकी विशेषज्ञता का मुख्य क्षेत्र सितारों की स्पेक्ट्रोस्कोपिक विशेषताओं के बारे में जानना और व्याख्या से संबंधित है। इस क्षेत्र में उनके रिसर्च में सितारों की रासायनिक संरचना और उनके सतह के तापमान और गुरुत्वाकर्षण का अध्ययन शामिल था।